मुज़फ्फरनगर के कस्बा खतौली में स्थित समाज कल्याण विभाग लखनऊ उत्तर प्रदेश द्धारा सहायता प्राप्त आवासीय वृद्धाश्रम में आज अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस का आयोजन किया गया। जिसमे वृद्धाश्रम में रह रहे सभी बुजुर्ग महिला पुरुषो के गले में माला पहनाकर सम्मानित किया गया, वंही सभी बुजुर्गो को नए नए कपडे ,उपहार स्वरुप भेट किये गए। वृद्धाश्रम में रह रहे सभी धर्म जाती के महिला पुरुषो ने एक जुट होकर वृद्ध उत्सव में भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम करके आनंद लिया मुज़फ्फरनगर आज एक अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है , जिसके चलते आज मुज़फ्फरनगर के क़स्बा खतौली में समाज कल्याण विभाग लखनऊ उत्तर प्रदेश द्धारा सहायता प्राप्त आवासीय वृद्धाश्रम में आज आश्रम की वार्डन रेखा सिंह द्धारा अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस का आयोजन किया गया। जिसमे वृद्धाश्रम में रह रहे लगभग 60 सभी बुजुर्ग महिला पुरुषो के गले में माला पहनाकर सम्मानित किया गया। आश्रम की वार्डन रेखा सिंह का कहना है की आज अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस मनाया गया सभी बुजुर्गो को सम्मान दिया गया उनको अच्छा भोजन देकर ,नए कपडे वितरण किये गए ,फल और मास्क बाँटे गए, यंहा 60 लोग रहते है सभी जाट और धर्म के लोग है कोई भेदभाव नहीं है। सभी बड़े प्यार भाई बहनो की तरह रहते है। महिलाओ के लिए साड़ी,पेटीकोट,ब्लाउज़ थे और पुरुषो के लिए धोती कुर्ता और पायजामा वितरण किये गए। पिछले दस महीनो से अपने घर परिवार को छोड़ वृद्ध आश्रम में रह रहे इकबाल खान इस वृद्ध आश्रम में रहकर कूद को अच्छा महसूस कर रहे है , वंही इकबाल खान का कहना है की आज वर्धा का जन्मदिन मनाया गया, नए कपडे बांटे गए , फल भी बांटे गए , इस आश्रम में सभी अच्छे लोग है सभी चीजों का ध्यान रखते है। इस आश्रम में हिन्दू मुस्लिम का कोई भेद भाव नहीं है आश्रम द्धारा मुझे नमाज पढ़ने के लिए सभी इंतजाम किये गए। पहले हमें अपने घर की याद आती थी लेकिन आश्रम में रहते हुए अब हमेव अपने घर की कभी भी याद नहीं आती है। वृद्धाश्रम में हुए वृद्ध उत्सव में जंहा बुजुर्ग महिलाये नए वस्त्रो का उपहार पाकर बहुत खुश नजर आयी वंही अपने परिवार के अतीत को याद करते हुए आँखों में पानी भी छलक गया। वृद्धाश्रम की बुजुर्ग महिला उषा देवी का कहना है की आज आश्रम में वृद्ध उत्सव मनाया गया सभी बहुत अच्छा माहौल रहा सभी ने भजन गाये सभी लोग हमें अपने बच्चो की तरह रखते है, अपने घरो की याद आती है लेकिन मजबूरिया है , हम सभी भाई बहनो की तरह रहते है, अब घर की याद करना बेकार है। हमें ये सभी लोग बच्चो से भी ज्यादा प्यार करते है।