अंतिम दिन चारों वेदों के यज्ञ अनुष्ठान के पूर्ण आहुति हुई

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 09 Jul 2021 , 18:25:48 PM
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नगीना। विश्व शांति के लिए फुलसदा स्थित आश्रम में 11 दिवसीय ऋग्वेद महापरायण यज्ञ के अंतिम दिन चारों वेदों के यज्ञ अनुष्ठान के पूर्ण आहुति हुई।  और विश्वव्यापी कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई।

कोतवाली नेहटोर मार्ग स्थित फुलसंदा वाले बाबा के आश्रम में 29 जून से 9 जुलाई तक चले यज्ञ में अंतिम दिन शुक्रवार को चारों वेदों के यज्ञ अनुष्ठान की पूर्णाहुति विद्वान शास्त्रियों द्वारा हवन कुंड में पूर्णाहूति कराई गई । हरियाणा बरनावा से आए आचार्य शोभित त्यागी, अमित शास्त्री व जय वीर शास्त्री यज्ञ में उपस्थित समस्त महिला व पुरुष श्रद्धालुओं से पूर्णआहुति कराई। । इस मौके पर   सत्पुरुष बाबा फुलसदे वालों ने कहा कि वेद ईश्वर की वाणी है। यह सभी संप्रदायों से ऊपर है यह ज्ञान केवल मनुष्य मात्र के लिए है। संसार के सभी मनुष्यों को इस वाणी का लाभ उठाना चाहिए। और देवताओं को मित्र बनाना चाहिए। संसार में हमेशा परोपकार के कार्य करते रहना चाहिए। जो यज्ञ के अनुकूल चलता है। वह सुख पाता है जो वेद के प्रतिकूल चलता है। उसे दुखों का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति जब मनुष्य सत्य मार्ग से भटकता है। तो उसका पतन हो जाता है । यज्ञ से हमें ज्ञान प्राप्त होता है। तथा हमें परोपकार निरंतर करते रहना चाहिए। कर्म ही व्यक्ति को महान बनाते है। गलत कर्म ही व्यक्ति को गिरा देते हैं।






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