अराजकता की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

मनोज कुमार अग्रवाल | पब्लिक एशिया
Updated: 08 Oct 2021 , 10:52:12 AM
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क्या उत्तर प्रदेश अराजकता की ओर बढ़ रहा हैघ् हाल ही में उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक जो वारदातें सामने आ रही है उनसे तो यही संकेत मिल रहा है कि उत्तर प्रदेश एक बार फिर अराजकता और गुंडई की चपेट में आने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश में लगातार पीट.पीटकर मार डालने की जघन्य वारदातें ह हो रही हैं। पिछले पांच दिन में पीट.पीटकर पांचवी हत्या हो गई है।यदि इसमें लखीमपुर खीरी में गाड़ी से कुचल कर और प्रतिहिंसा में पीट पीट कर मार दिए गए नौ लोगों को भी जोड़ दिया जाए तो यह तादाद एक  दर्जन से अधिक हो जाती है। 

आखिर ऐसा क्या हुआ है कि उत्तर प्रदेश में अपराधी उबाल लें रहे हैं। जिस यूपी में मुख्यमंत्री योगी कानून का राज कायम करने का दावा करते नहीं अघाते हैं  लेकिन एक के बाद एक हिंसा की वारदातें कानून व्यवस्था पर भी  सवाल उठाने लगी है। अब पहले जरा यूपी में पांच दिन के भीतर हुई पीट पीट कर हत्या करने की वारदातों पर नजर डालें गोरखपुर में शराब दुकान के कर्मचारीए संभल में ट्रांसपोर्टरए लखनऊ में ठेकेदार और गाजीपुर में शराब सेल्समैन की हत्या  अलीगढ़ में एक महिला की पीट.पीटकर हत्या कर दी गई। छह दिन में पांच लोगों की पीट.पीटकर हत्या कर दी गई। वहीं लखीमपुर खीरी में लाठी तलवार लेकर आए कथित किसान प्रदर्शनकारियो ने  कथित किसानों को कुचलने की  वारदात के बाद चार लोगों को पीट पीट कर हत्या कर दी गई। 

अलीगढ़ के इगलास थाना क्षेत्र के गोरई में मंगलवार को चोरी की बाइक को लेकर महिला के बेटे का पड़ोसियों से विवाद हो गया था। बेटे के चीखने चिल्लाने पर महिला अपनी बेटियों के साथ बीच बचाव कराने पहुंची थी। झगड़े में महिला की तीन बेटियां भी घायल हुईं हैं। बेटे की चीख.पुकार सुनकर मां रानीए बहन रेखाए पूनम व काजल आ गईं। विनोद व उसके परिवार वालों ने सभी के साथ मारपीट कर दी। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने जैसे ही महिलाओं के साथ मारपीट शुरू की तो मां रानी की मौके पर ही मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने गोरई चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पूरी घटना का संज्ञान लियाए लेकिन तहरीर मिलने के बाद भी मुकदमा पंजीकृत नहीं किया। पुलिस देर शाम तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करती रही। एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

इस हफ्ते पांचवीं वारदात 

4 अक्तूबर को गाजीपुर में सैदपुर थाना क्षेत्र के नसीरपुर में सोमवार की रात शराब ठेके के सेल्समैन श्रीकांत यादव की पीट.पीटकर हत्या कर दी गई। स्थानीय पुलिस के साथ ही एसपी रामबदन सिंह और एसपी सिटी गोपीनाथ सोनी भी मौके पर पहुंचे और घटना की पड़ताल की। यूपी में चार दिन में पीट.पीटकर हत्या की चौथी वारदात हुई थी। गाजीपुर से पहले लखनऊ में ठेकेदारए संभल में ट्रांसपोर्टर और गोरखपुर में शराब दुकान के कर्मचारी की पीट.पीटकर हत्या कर दी गई।

1 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ में ठेकेदार निर्मल अग्निहोत्री की पीट.पीटकर हत्या कर दी गई थी। घटना गोसाइंगंज इलाके में भूमि विवाद को लेकर हुई थी। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट की जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को लेकर वहां पर मौजूद मंदिर के पुजारियों को आपत्ति थी। इसके बाद विवाद हुआ और पुजारियों ने मिलकर ठेकेदार की पीट.पीटकर हत्या कर दी। 

सवाल उठता है क्या फिर ऐसा क्या हुआ कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की गाड़ी एकाएक पटरी से उतरने लगी है और गुंडा गर्दी अराजकता का बोलबाला होने लगा है इसके पीछे पिछले साढे 4 साल में मुख्यमंत्री योगी की सरकार द्वारा अराजक तत्वों के साथ की गई सख्ती उन्हें जिला बदर करने व जेल भेजने की कार्यवाही  तह में मालूम पड़ती है इन दिनों यूपी में 8 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसी स्थिति में तमाम स्लीपिंग सेल टाइप गुंडा व अपराधी तत्व सक्रिय होकर यूपी में कानून व्यवस्था में बाधा खड़ी कर रहे हैं और अपने अपने तरीके से योगी सरकार के लिए मुसीबत बन रहे हैं। इस से एक ओर उनका मकसद योगी सरकार की कानून व्यवस्था के सुधार के मुद्दे को झुठलाने का है। इन तत्वों को कहीं जाति के आधार पर तो कहीं पार्टी व संप्रदाय के आधार पर कुछ राजनीतिक दल व उनसे जुड़े लोग संरक्षण देने तथा उनकी पीठ ठोकने  में लगे हुए हैं। ऐसे लोग अराजक तत्वों को संरक्षण देने में अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति करना चाहते हैं यही वजह है कि यूपी में इन दिनों एकाएक अपराध के तौर तरीके में भी एक अलग बदलाव आया है लगातार भीड़ का आक्रोशित हो जाना इस बदलाव में एक नया मोड़ है योगी सरकार इन दिनों विपक्ष के राजनीतिक दबाव में भी है जिस कारण   प्रदेश में भीड़ तंत्र कायम कर अपराध को अंजाम दे रहे अपराधियों के खिलाफ पर्याप्त सख्ती नहीं कर पा रही है इसी का परिणाम है कि अपराधी लगातार सिर उठाने लगे हैं। योगी सरकार को प्रदेश के हालात की समीक्षा कर सख्त कदम उठाने होंगे।






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