एक शव बरामद,18 अब तक लापता
ढांचागत परियोजनाओं के विशाल नेटवर्क का निर्माण
ईद की छुट्टी नहीं मिली तो पैदल घर के चल दिए मजदूर
गुवाहाटी : अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले में भारत-चीन सीमा के पास एक मजदूर की मौत हो गई और 18 अन्य अब तक लापता हैं। मजदूर दामिन में सड़क निर्माण का काम कर रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि सभी मजदूरों की कुमी नदी में डूबने से मौत हो गई है। इनमें से एक का शव कुमी नदी में मिला। इसके बाद से आशंका जताई जा रही है कि सभी मजदूरों की नदी में डूबने से मौत हो गई है।जानकारी मिली है कि ये सभी सीमा सड़क संगठन द्वारा सड़क निर्माण के लिए अरुणाचल लाए गए थे। लगातार जारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है और अभियान में भी मुश्किल आ रही है।सभी लोग मजदूर चीन की सीमा के पास सड़क निर्माण के कार्य में लगे थे। ईद के त्योहार पर अपने घर असम जाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर से घर जाने के लिए छुट्टी मांगी थी, लेकिन उनको छुट्टी नहीं दी गई है। इसके बाद ये सभी पैदल ही असम के लिए निकल लिए। उसी रास्ते में मजदूरों के साथ यह हादसा हुआ।
बताया जा रहा है कि पहले कुरुंग कुमे जिले के जंगलों में गायब हो गए थे। आशंका जताई जा रही है कि कुमी नदी को पार करने के दौरान सभी मजदूर हादसे का शिकार हो गए। रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। तलाशी अभियान के लिए एक और टीम को भेजा गया है, लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ गया। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है।अभी डिप्टी कमीशनर को मौके से सिर्फ एक ही शव बरामद हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक सभी मजदूरों की मौत हो चुकी है। अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि मजदूर कब और कैसे कुमी नदी में डूब गए। पिछले एक हफ्ते से ये सभी मजदूर गायब चल रहे थे। दरअसल, ये मजदूर ईद के मौके पर अपने घर असम जाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर से छुट्टी मांगी। बताया जा रहा है कि बेंगिया बडो नाम के ठेकेदार ने इन मजदूरों को छुट्टी देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ये मजूदर पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े। इन मजदूरों के कुमी नदी में डूबने की आशंका जताई जा रही है। फिरलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बता दें पूर्वोत्तर में भारी बारिश हो रही है। अरुणाचल प्रदेश समेत असम, मिजोरम आदि राज्यों में पिछले कुछ दिनों से नदियां उफान पर चल रही हैं। कई जिलों में बाढ़ आई हुई है । सीमा सड़क संगठन पूर्वोत्तर राज्यों में ढांचागत परियोजनाओं के एक विशाल नेटवर्क का निर्माण कर रहा है। इसी के तहत इन मजदूरों को भारत-चीन सीमा के पास एक दूरदराज के इलाके दामिन सर्कल में सड़क कार्यों को पूरा करने के लिए लाया गया था।