भारत-चीन सीमा में बाढ़ और भूस्खलन में 21 लोगों की मौत
पूर्वी वायु कमान के एयर मार्शल डी के पटनायक ने असम,अरुणाचल और मेघालय का किया दौरा
मोहनबाड़ी एयर बेस की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की
गुवाहाटी : ईस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) एयर मार्शल डी. के. पटनायक ने बेस के रणनीतिक महत्व के साथ-साथ इसके भविष्य के विकासात्मक पहलुओं पर जोर दिया।पूर्वी वायु कमान के एयर मार्शल - डी के पटनायक ने असम, अरुणाचल और मेघालय का दौरा किया हैं।प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा के लिए असम और अरुणाचल प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर थे।
पटनायक असम में मोहनबाड़ी (डिब्रूगढ़) में वायु सेना स्टेशन के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल ए. एस. वालिया ने कहा कि एओसी-इन-सी ने सर बेस की परिचालन (ऑपरेशनल) तैयारियों की समीक्षा की और इन अग्रिम ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के जवानों द्वारा किए गए अच्छे काम की सराहना की।
वायु सेना स्टेशन पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने संचालन में उनकी भूमिका से परिचित होने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सौंपे गए कार्यों को उचित तरीके से पूरा करने के लिए एयर बेस के सभी कर्मियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
पटनायक को स्टेशन के संचालन, रखरखाव और प्रशासनिक तैयारियों के बारे में बताया गया। एयर मार्शल ने विजयनगर और वालोंग में उन्नत लैंडिंग समूहों के लिए आगे बढ़ने से पहले वायु सेना स्टेशन की विभिन्न यूनिट्स और सेक्शन (अनुभागों) का दौरा किया।
दूसरी ओर, अरुणाचल प्रदेश में मोदी सरकार की सामरिक नीति को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि यहां के कुरुंग कुमे जिले में दो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ने वाला एक पुल बाढ़ में बह गया। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये बैली ब्रिज भारत-चीन सीमा के नजदीक कोरोरू गांव के पास ओयोंग नदी पर बना था और जिला मुख्यालय कोलोरिंग को दामिन से जोड़ता है।बीआरओ की परियोजना अरुणांक के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर अनिरुद्ध एस कंवर ने बताया कि ली से करीब एक किलोमीटर दूर कोलोरियांग-हुरी रोड पर बना ये पुल शनिवार को अचानक आयी बाढ़ में बह गया। बाढ़ का असर इतना जबरदस्त था कि पुल का सिर्फ एक हिस्सा ही नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस पुल को फिर से बनाने के लिए काम चल रहा है। सभी जरूरी संसाधन और मशीनों को प्राथमिकता पर काम करने के लिए बुलाया गया है। अरुणांक परियोजना के तहत 756 बीआरटीएफ की 119 सड़क निर्माण कंपनी (आरसीसी) इसे बहाल करने में जुटी है। 119 आरसीसी के कमांडिंग अधिकारी रोशन और प्लाटून कमांडर मेजर मोहित कुमार साइट पर काम कर रहे हैं।कुरुंग कुमे के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) ओशन गाओ के मुताबिक, उन्होंने सड़क मार्ग की जल्द बहाली के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। पुल बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में पिछले हफ्ते कई दिनों तक भारी बारिश हुई थी। मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी। की जगह भूस्खलन भी हुआ। इससे कई इलाकों का संपर्क टूट गया और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन सीमा में पिछले एक सप्ताह बाढ़ और भूस्खलन में 21 लोगों की मौत हो चुकी है।