अर्णब गोस्वामी को बॉम्बे HC से नहीं मिली राहत

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 09 Nov 2020 , 23:33:15 PM
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                           अन्वय केस : अर्णब गोस्वामी को बॉम्बे HC से नहीं मिली राहत, कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने से इंकार किया

नई दिल्ली : आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ़्तार अर्णब गोस्वामी को एक बार फिर बॉम्बे हाई कोर्ट से निराशा हाथ लगी है, अपनी रिहाई के लिए अदालत के दरवाज़े पर पहुंचे गोस्वामी को सोमवार को भी हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि अंतरिम राहत के लिए यह ठीक मामला नहीं दिख रहा है, अदालत ने कहा था कि यदि अर्णब को राहत दे दी गई तो हर कोई सेशन कोर्ट को छोड़ कर हाई कोर्ट का रुख करने लगेगा, न्यायाधीश एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की बेंच ने कहा था कि इस मामले में आरोपी राहत के लिए जिला सत्र न्यायालय में जा सकते हैं.

4 नवंबर की सुबह रायगढ़ और मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को उनके घर से गिरफ़्तार कर लिया था और उसी दिन शाम को पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की थी, मुंबई पुलिस ने अर्णब, उनकी पत्नी, बेटे और दो अन्य लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की थी, अर्णब ने अपनी रिहाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की हुई है, याचिका में उन्होंने आत्महत्या के इस मामले में हुई गिरफ़्तारी को चुनौती दी है, उनके वकीलों का कहना है कि गोस्वामी की गिरफ़्तारी पूरी तरह अवैध है, पिछले हफ़्ते उन्हें अलीबाग की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, अर्णब को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा. 

अदालत में अर्णब की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने पिछली सुनवाइयों में कहा था कि बिना किसी न्यायिक आदेश के पुलिस के पास ख़ुद ही इस केस को खोलने की शक्ति नहीं है, उन्होंने दलील दी थी मजिस्ट्रेट ने 2019 में ही पुलिस की ओर से अदालत में जमा की गई रिपोर्ट के आधार पर इस केस में क्लोजर ऑर्डर पास कर दिया था, अर्णब के दूसरे वकील हरीश साल्वे ने अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों में दम नहीं है, अन्वय कॉनकॉर्ड डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध संचालक थे, अन्वय व उनकी मां कुमुद ने 5 मई, 2018 को मुंबई के अलीबाग के कावीर गांव स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली थी, अन्वय ने सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि पत्रकार अर्णब गोस्वामी, फिरोज़ शेख और नितीश सारडा ने उनके पांच करोड़ 40 लाख रुपये नहीं दिए हैं. 

इस मामले में 2018 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गयी थी लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ रही थी, प्रदेश में सरकार बदलने पर 5 मई, 2020 को अन्वय की पत्नी अक्षता नाइक ने सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर वीडियो डाला था, उन्होंने सरकार से पूछा था कि क्या दो साल बाद उन्हें न्याय मिलेगा? रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री तथा शिव सेना के प्रवक्ता अनिल परब ने बुधवार को कहा कि अर्णब की गिरफ्तारी आत्महत्या के एक प्रकरण की वजह से हुई है, उन्होंने कहा कि इसे प्रेस पर अंकुश या आपातकाल कहना इस मामले को दूसरा रूप देने की साज़िश जैसा है, परब ने कहा कि मुंबई से लेकर दिल्ली तक बीजेपी के नेता और मंत्री इस गिरफ्तारी पर बयानबाजी कर रहे हैं लेकिन इस बात को कोई नहीं बता रहा कि अर्णब पर एक महिला का सुहाग उजाड़ने का आरोप है.

शिव सेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अर्णब की गिरफ्तारी उनके ख़िलाफ़ विचाराधीन मामले में जांच का हिस्सा है, अर्णब या किसी अन्य पत्रकार ने सुशांत सिंह आत्महत्या प्रकरण में शिव सेना नेताओं पर अनेक झूठे आरोप लगाए लेकिन हमने किसी के ख़िलाफ़ कभी बदले की कार्रवाई नहीं की, उन्होंने कहा कि अर्णब की गिरफ्तारी एक आर्किटेक्ट और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में हुई है.





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