अहमदाबाद , मुंबई के बीच 120 किमी मेटल बीम फेंसिंग का कार्य पूरा

public asia | पब्लिक एशिया ब्यूरो
Updated: 06 Apr 2023 , 14:40:52 PM
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 पश्चिम रेलवे ने अहमदाबाद-मुंबई के बीच 120 किमी मेटल बीम फेंसिंग का कार्य पूरा कर लिया है। जो मवेशियों को पटरी पर आने से रोकने के लिए है।
पश्चिम रेलवे की ओर से यहां जारी बयान के अनुसार भारतीय रेल पर कई उपलब्धियों में अग्रणी होने का गौरव प्राप्त करने वाली प. रेलवे ने एक बार फिर वित्तीय वर्ष 2022-23 के समापन के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल करके नए कीर्तिमान स्थापित करने की अपनी उत्कृष्टता साबित की है। पश्चिम रेलवे माल ढुलाई और माल ढुलाई राजस्व, यात्री राजस्व, अवसंरचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने और सुदृढ़ीकरण और संवर्द्धन, संरक्षा कार्यों, यात्री सुविधाओं आदि के क्षेत्र में इन प्रभावशाली उपलब्धियों को प्राप्त करने में सक्षम रही है। ये उपलब्धियां पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्र के नेतृत्व और मार्गदर्शन में संभव हुई हैं।
इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल विकास: वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पश्चिम रेलवे पर कुल 371 किमी नई लाइन, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया है जो कि 323 किमी के वार्षिक लक्ष्य से 15 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान 281.13 किमी दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 245 फीसदी अधिक है जो 81.41 किमी था। 62 किमी गेज परिवर्तन का कार्य और 27.30 किमी नई लाइन का कार्य पूरा किया गया। 890 आरकेएम विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया। यह पश्चिम रेलवे के लिए सर्वकालिक उच्च और वित्त वर्ष 2022-23 में सभी क्षेत्रीय रेलवे के बीच तीसरा उच्चतम है।
अहमदाबाद-मुंबई के बीच 120 किमी मेटल बीम फेंसिंग का कार्य पूरा किया गया। यह भारतीय रेल पर अपनी तरह का पहला कार्य है। जो मवेशियों को पटरी पर आने से रोकने के लिए है। 2022-23 में 40 पैदल ऊपरी पुलों का निर्माण किया गया। यह वित्त वर्ष 2022-23 में किसी भी क्षेत्रीय रेलवे द्वारा सर्वाधिक है। जियो सेल का उपयोग कर ब्रिज एप्रोच स्ट्रेंथनिंग का कार्य 160 किमी प्रति घंटे की गति बढ़ाने के लिए 33 पुलों पर पूरा किया गया। पश्चिम रेलवे ने पूर्णरूपेण विभागीय यूएसएफडी टेस्टिंग को अपना लिया है। अपनी टेस्टिंग टीमों को मजबूत करके तथा अपने पूरे ब्रॉड गेज नेटवर्क पर बी स्कैन मशीनों द्वारा रेल के परीक्षण पर पूरी तरह से स्विच करके निर्माण परियोजनाओं के बढ़ते कार्यभार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया। बीसीएम: प्रति माह प्रति मशीन 7.42 किमी की प्रगति के साथ भारतीय रेल पर 838 ईक्‍यू टीकेएम डीप स्क्रीनिंग कार्य, जो भारतीय रेल पर सर्वाधिक है।
हंगरी फॉर कार्गो: पश्चिम रेलवे ने 2022-23 में 108.09 मिलियन टन का अब तक का सर्वश्रेष्ठ माल लदान हासिल किया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है, जो कि 87.91 मिलियन टन था। पश्चिम रेलवे ने सभी क्षेत्रीय रेलों के बीच 20.13 मिलियन टन की उच्चतम वृद्धिशील माल ढुलाई हासिल की है।
राजस्व में वृद्धि: पश्चिम रेलवे ने 21,795 करोड़ रुपये का कुल वाणिज्यिक आरंभिक राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 44.65 फीसदी अधिक है और इसने पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 18,199 रुपये (2018–19) के आंकड़े को भी पार कर लिया।
इसमें शामिल है: वित्त वर्ष 2022-23 में 6300.57 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक मूल यात्री राजस्व अर्जित किया गया। इसमें से 4824.45 करोड़ रुपये पीआरएस (आरक्षित खंड) से प्राप्‍त हुए। वित्त वर्ष 2022-23 में 14,819.80 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक मूल भाड़ा राजस्व अर्जित किया गया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 36.33 फीसदी और वार्षिक लक्ष्य से 5.55 प्रतिशत अधिक है। इसने पिछले सर्वश्रेष्ठ 12,536.58 रुपये (2014–15) के आंकड़े को भी पार कर लिया है। पश्चिम रेलवे ने 170.05 करोड़ रुपये का अब तक का सर्वश्रेष्ठ टिकट जांच राजस्व प्राप्‍त किया है, जो पिछले सर्वश्रेष्ठ 135.51 रुपये (2019–20) के आंकड़े को पार कर गया। यह वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 49.73प्रतिशत ज्यादा भी है। गैर-किराया राजस्व के मामले में 77.32 करोड़ रुपये अर्जित कर पश्चिम रेलवे भारतीय रेल में दूसरे स्थान पर है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 162.33प्रतिशत अधिक है।
हरित पहल: पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2022-23 में अब तक का सर्वोच्‍च इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन स्विचओवर हासिल किया। कोचिंग ट्रेनों की कुल 128 ट्रेनों (64 जोड़ी) को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में बदल दिया गया है। एचओजी ट्रेनों की कुल 30110 सेवाएं एचओजी प्रणाली पर चलाई गईं जो 2021-22 की 22914 एचओजी सेवाओं से 31.4प्रतिशत अधिक है। इसके परिणामस्वरूप 327.16 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत हुई, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्राप्त 163.43 करोड़ रुपये की शुद्ध बचत से 100.18प्रतिशत अधिक है। यह वर्ष 2022-23 में एचओजी संचालन के कारण अब तक की सबसे अधिक शुद्ध बचत है।





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