आदेश की प्रतियों की शीघ्र डिलीवरी के लिए नयी योजना पर विचार

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 16 Jul 2021 , 19:50:59 PM
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नयी दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय आदेश की प्रतियों की डिलीवरी के इंतजार में कैदियों की रिहाई में देरी से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के बेहतर इस्तेमाल संबधी योजना पर विचार कर रहा है।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन ने शुक्रवार को कहा कि वह जमानत के आदेशों को सीधे जेलों तक पहुंचाने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के बारे में सोच रहा है, ताकि जेल अधिकारी आदेश की प्रमाणित प्रति का इंतजार कर रहे कैदियों की रिहाई में देरी न करें।

न्यायमूर्ति रमन ने कहा, “हम प्रौद्योगिकी के उपयोग के समय में हैं। हम त्वरित इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का तेज और सुरक्षित ट्रांसमिशन नामक एक योजना पर विचार कर रहे हैं। इसका उद्देश्य संबंधित जेल अधिकारियों को बिना प्रतीक्षा किए सभी आदेशों को संप्रेषित करना है।”

उन्होंने कहा कि वह महासचिव को दो सप्ताह के समय में रिपोर्ट देने का निर्देश दे रहे हैं। इसलिए वह एक महीने में योजना को लागू करने का प्रयास करेंगे।

न्यायमूर्ति रमन ने यह टिप्पणी उस समय की जब उनके नेतृत्व वाली एक पीठ जमानत के बाद कैदियों की रिहाई में देरी के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेने वाले मामले की सुनवाई कर रही थी।





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