आशा,अभ्यास और समय का सदुपयोग मनुष्य के सुनहरे भविष्य के राज मार्ग हैं

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 02 Dec 2021 , 14:00:53 PM
  • Share With




किसी ने एकदम सही कहा है आशा पर आकाश टिका हुआ है ।इसलिए मनुष्य को कभी आशा नहीं छोड़नी चाहिएl उम्मीद का ही असर है कि हम अपने उद्देश्य को प्राप्त करने की ओर पहला कदम रखते हैं और किसी विद्वान ने कहा है कि अच्छी शुरुआत ही हमारे लक्ष्य की प्राप्ति की राह की आधी सफलता होती है, और इस बात को केंद्रित करते हुए आशा का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि उम्मीद हमें पहले कदम में संपूर्ण ऊर्जा जीतने के लिए प्रोत्साहित करती है।प्रथम प्रयास ही हमारे लक्ष्य की प्राप्ति तथा उद्देश्य को सुरक्षित करने में अत्यंत ही महती भूमिका निभाता है।

दीपा मलिक ने अपने दोनों पैर किसी दुर्घटना में खो दिए थे और उन्होंने खेलों में देश का नाम रोशन कर लाखों युवकों युवतियों को प्रेरणा देने का काम किया है,वो आज लोगों की प्रेरणा स्रोत हैं। उनका आशावादी दृष्टिकोण,A मनोबल और अभ्यास उन्हें महानता की श्रेणी में रखता है और यही कारण है कि हर आशावादी इंसान एक न एक दिन सफलता की सीढ़ी चढ़कर देश का नाम रोशन करता है। उम्मीद हमें आशा की किरण तो देती ही है, ऊर्जा शक्ति एवं नई दिशा दिखाती है परंतु उसकी तैयारी तथा अभ्यास एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पहलू है। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें न सिर्फ दृढ़ संकल्प, मनोबल और निरंतर अभ्यास व तैयारी की परम आवश्यकता होती है। मनुष्य के जीवन में विपरीत समय जरूर आता है तब हमें कड़वी सच्चाई यों का सामना भी करना पड़ता है और कड़वी सच्चाई का सामना करने के लिए हमारी उम्मीद,हमारा अभ्यास और कुछ कर पाने के लिए तैयारी ही हमें सच्चाई का सामना करने का साहस प्रदान करती है।

अभ्यास से हमारा मतलब किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति की राह में आने वाली समस्याओं को पहले से ही अनुमान लगाकर उससे निपटने के साधनों को दुरुस्त करना चाहिए ताकि कोई भी कठिनाई हमारे लक्ष्य की सफलता में बाधा ना बन पाए।


दुनिया का हर बड़े से बड़ा काम या युद्ध या विकास का मैदान उसे पहले मस्तिष्क से ही जीता जाता है, फिर मैदान में जाकर समस्याओं से दो-चार होकर उससे निपटा जा सकता है। उम्मीद अभ्यास और समय का सदुपयोग किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के सबसे बड़े कारक तत्व होते हैं। जो वक्त हमारे पास आज है या आज का दिन ही आने वाले समय मैं बार-बार पुनः वृत्त होता है। आज के समय का सदुपयोग ही श्रेष्ठ एवं कष्ट साध्य कार्य है क्योंकि मनुष्य के पास सदैव वर्तमान के 24 घंटे ही होते हैं और इन 24 घंटों में ही मनुष्य को अपनी पूरी ऊर्जा शक्ति लगाकर किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अनवरत श्रम करना होता है। भले ही इसके पीछे उम्मीद,अभ्यास एवं योजनाएं अवलंबित होती है। स्थिति परिस्थिति कितनी भी अनजान अथवा कष्ट दाई हो मनुष्य के पास हर स्थिति में अच्छा समय अच्छा अवसर अंतर्निहित होता है जो मनुष्य को सदुपयोग करने के लिए प्रेरित करता है और सफलता के लिए मार्गदर्शी भी होता है। ऐसा व्यक्ति जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी जिजीविषा, जुजुत्सा और मेहनत से प्रतिदिन का सही उपयोग कर लेता है सफलता को निश्चित तौर पर प्राप्त करता है और जनमानस के लिए एक प्रतिमान स्थापित कर प्रेरणा की तरह काम करता है।

आपदा को अवसर में बदलने की प्रवृत्ति ही व्यक्ति को समाज को तथा देश को सफल बनाती है। कोविड-19 के संक्रमण के दौरान भारत के अनेक बड़े-बड़े नेताओं ने जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं ने करोना की भयानक त्रासदी के विरुद्ध समय का सही सदुपयोग कर उसे मात देने की कोशिश में आपदा को अवसर में बदल दिया था। यह निश्चित तौर पर विश्व में एक उदाहरण की तरह सामने आया है। हमें सदैव सर्वाधिक अच्छे की उम्मीद करते हुए खराब समय से निपटने के लिए भी हमेशा तैयार रहना होगा अन्यथा हमेशा आशावादी रहने के साथ खराब समय की परिकल्पना भी अपने जेहन में रखकर आगे और आगे पथ बढ़ाते रहना चाहिए।

अच्छे परिणाम की आशा हमें जरूर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है और उसका अभ्यास कर तैयारी उस कार्य को करने के लिए नए कौशल प्रदान करती है और उसका सदुपयोग अभीष्ट के प्राप्ति के अवसर प्रदान करती है। किसी भी राष्ट्र के समेकित प्रयास के लिए प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समझाने में भी महत्वपूर्ण कार्य करती है, जैसे गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आतंकवाद और विस्तार वाद जो आज विश्व के सामने मुंह बाए खड़ी है। वर्तमान में व्यक्ति समाज एवं राष्ट्र को उम्मीद, अभ्यास और समय का सदुपयोग समयानुकूल तरीके से करते रहना चाहिए, ताकि हर परिवार, समाज, देश और संपूर्ण विश्व खुशहाल, सुरक्षित, समृद्ध रह सके।
संजीव ठाकुर,चिंतक, लेखक, रायपुर छत्तीसगढ़, 9009 415 415,






रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान