उत्तरी क्षेत्र के राज्यों के दिव्यांग बच्चों और युवाओं ने “दिव्या कला शक्ति” में किया प्रदर्शन

Kapil Gaur | पब्लिक एशिया ब्यूरो
Updated: 12 Dec 2022 , 13:57:54 PM
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिनांक 10 दिसंबर 2022 को रंग भवन सभागार, आकाशवाणी भवन, दिल्ली में 'दिव्य कला शक्ति' कार्यक्रम का शुभारंभ किया । विभाग के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘दिव्य कला शक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम – अक्षमता में क्षमता में दर्शन’ में दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न गैर-सरकारी संगठन दिव्यांग बच्चों और युवाओं द्वारा दिखाई गई असाधारण प्रतिभा के साक्षी बने ।
इससे पहले दिनांक 18 अप्रैल 2019 और 23 जुलाई 2019 को क्रमश: राष्ट्रपति भवन और बालयोगी सभागार मे दिव्य कला शक्ति के दो राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं । भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद के निर्देशानुसार विभाग द्वारा इन कार्यक्रमों को क्षेत्रीय स्तर पर संचालित किए जा रहा है। तदनुसार, "दिव्य कला शक्ति" के तीन क्षेत्रीय कार्यक्रम पश्चिमी क्षेत्र-मुंबई, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र-ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) और दक्षिणी क्षेत्र-चेन्नई में आयोजित किए जा चुके हैं। इस बार दिल्ली में पहली बार उत्तरी क्षेत्रीय दिव्य कला शक्ति का आयोजन किया गया, जहां उत्तरी क्षेत्रों के विभिन्न राज्यों, सांस्कृतिक सोसायटी, सिविल सोसायटी से लगभग 100 दिव्यांग कलाकारों को उत्तरी क्षेत्र के अनुरूप तैयार किया गया। विभाग ने कलाकारों के लिए कोरियोग्राफर के साथ अभ्यास सत्र की व्यवस्था की और ऐसे बच्चों के बीच समय के साथ अनुशासन और प्रदर्शन की सटीकता उनकी बौद्धिक, रचनात्मक और अव्यक्त क्षमता का सबसे बड़ा उदाहरण है जिसे उनके उच्चतम स्व-बोध के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है। विभिन्न वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, रचनात्मक व्यक्तित्व, शिक्षक, प्रधानाध्यापक, दिव्यांगता से सम्बंध रखने वाले विभिन्न समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 300 गणमान्य लोग इस कार्यक्रम के साक्षी बने।

शारीरिक, दृष्टिबाधित, श्रवण, बौद्धिक, ऑटिज्म से लेकर बहुदिव्यांगता और बौनापन से ग्रसित दिव्यांग बच्चों और युवाओं द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई थी। वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं, चाहे वह कला, संस्कृति, खेल या कुछ भी हो। दिव्यांग बच्चे और दर्शक प्रधानमंत्री जी द्वारा कहे गए प्रेरक शब्दों को हमेशा याद रखेंगे “दिव्यांग प्रतिभाशाली इंसान हैं, हम अपने दिव्यांग बहनों और भाइयों के लिए एक समावेशी, सुलभ और न्यायसंगत भविष्य सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से काम कर रहे हैं। उनका धैर्य और विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हम सभी को प्रेरित करती हैं।”
भारत के राष्ट्रपति ने भी ठीक ही कहा था कि दिव्यांगजन को किसी सहानुभूति की आवश्यकता नहीं है, केवल समानुभूति और एक सक्षम, बाधा मुक्त वातावरण की आवश्यकता है।
कार्यक्रम राज्य आधारित विशिष्ट प्रदर्शनों से भरा हुआ था जिसने शाम को जीवंत बना दिया। पूर्वी क्षेत्र से कैंसर सर्वाइवर और गतिविषयक दिव्यांग अनिता गुप्ता द्वारा दुर्गा नृत्य वास्तव में एक जागृति प्रदर्शन था। वास्तव में इन दिव्यांगजनों के बहुत सारे हैरतअंगेज़ प्रदर्शन सभी को प्रेरित कर सकते हैं।




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