उत्तर प्रदेश में कोरोना के नाम पर ये क्या हो रहा है

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 05 Oct 2020 , 17:51:50 PM
  • Share With



उत्तर प्रदेश में भगवान राम क्या बसे  योगी से लेकर भोगी तक सब अपने को राम भरोसे छोड़ बैठे हैं,  सरकारी कर्मचारी हो या व्यापारी साधु हो या गृहस्थी महिला हो या पुरुष सभी ने अपने को राम भरोसे छोड़ दिया है,  बच्चे तो भगवान राम का ही रूप है  इन्हें तो मास्क की जरूरत मां बाप भी नहीं समझ रहे यह नजारा आपको भी आम नजर आता होगा I 


कोविड-19 नामक संक्रामक महामारी के दौर में आदर्शवादी व समर्पित सरकार जितना खर्च विज्ञापनों पर  कर चुकी,  इतना यदि बीमारी की  रोकथाम के उपायों में प्रयुक्त होने वाली स्थाई मूलभूत आवश्यकताओं पर खर्च करती तो उसके दूरगामी परिणाम सामने होते सरकार द्वारा बीमारी के संक्रमण रोकने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार पर खर्च किया, उसमें एक उपाय यह भी था कि स्थानीय पुलिस सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क लगाए व्यक्तियों के चालान कर राशि वसूल करें लेकिन पुलिस की नजर बड़े-बड़े कामर्शियल वाहनों पर रहती है उन्हें भी लगता है  कि कई चोट सुनार की एक चोट लोहार की पर्याप्त है क्यों फालतू में एनर्जी खर्च की जाए ,  जिले की पुरानी सब्जी मंडी का नजारा देखें तो लगता है कि भारत में कोरोना वायरस आया ही नहीं है या भारतवासियों का कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता यहां एक भी सब्जी फल विक्रेता या क्रेता मास्क लगाए नजर नहीं आता ऐसी स्थिति जिले के समस्त क्षेत्र में है चाहे घंटाघर हो या जिला न्यायालय बस स्टैंड हो या मार्केट सर्वत्र कोरोना  फ्री माहौल है  I

बात मुद्दे की यह है कि क्या प्रशासन की कानून व नियम का उल्लंघन करने वालों को पालन कराने की जिम्मेदारी नहीं है या बस सरकार का यही  रटटा लगाना पर्याप्त है कि पिछले 60 सालों में कुछ नहीं हुआ,  इससे तो यही लगता है कि थोथा चना बाजे घना  सरकार का ध्यान इसी बात में ज्यादा है कि पिछली सरकारों में कमियां निकालते रहो  अपनी तो ऐसे ही  कट जाएगी I  उस पर सरकार अपने उल्टे  निर्णय पर जनता से मासूमियत में सहयोग व समर्थन मांगती है, यह ठीक ऐसे वाक्या से मेल खाता नजर आ रहा है पड़ोस में रहने वाले दरोगा जी की पत्नी को  कार चलाने का शौक हुआ दरोगा जी ने कभी साइकिल को हाथ नहीं लगाया पत्नी काऱ लेकर रोड पर निकलती और सामने वाले को ठोकती जब सामने वाला गुस्से में लड़ने लगता तो बड़े भोलेपन में मासूमियत से कहती प्लीज सहयोग कीजिए अभी  ड्राइविंग सीख रही हूं और सामने वाला हक्का-बक्का देखता रह जाता I


इसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार का हाल है इनके तुगलकी निर्णयों के असफल हो जाने पर यह भी ऐसे ही जनता के सामने पेश आते हैं, आज सरकार रोमियो स्क्वायड, मांस की दुकानों, पॉलिथीन मुक्त योजना,सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण जाम की स्थिति, प्रदूषण मुक्त योजना, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों,स्कूलों,अस्पतालों आदि में  व्याप्त अव्यवस्थाओं को दूर करने हेतु  सरकार गठन के समय जैसी मुस्तैदी   के साथ उत्साहित नजर नहीं आती  सब नौकरशाहों पर छोड़ दिया गया है I 


लोकतंत्र में नौकरशाह का हावी होना जनता के अधिकारों को कमजोर बनाता है,  आज अव्यवस्था चहुं ओर व्याप्त है कोई सरकारी विभाग सुनने को तैयार नहीं है जिले के एक सरकारी कार्यालय ( गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ) ने तो पत्रकारों का प्रवेश ही वर्जित कर रखा है ना कोई अंदर आएगा ना खबर बाहर जाएगी I ये सब योगी जी आपके रामराज में ही चल रहा है जब से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण बना है तब से आज तक किसी ने भी पत्रकारों को  गाजियाबाद विकास प्राधिकरण प्रवेश से नहीं रोका I पत्रकारों के प्रवेश से रोक पर गाजियाबाद शहर में अफवाहों का बाजार गर्म है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार की अनेकों मामले में लिप्त  होना बताया जा रहा है I





रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान