कपास की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से हो उसका का पूरा कमीशन आढ़तियों को मिलना चाहिए

पब्लिक एशिया ब्यूरो | पब्लिक एशिया
Updated: 27 Sep 2020 , 15:16:04 PM
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अनाज की हर खरीद आढ़तियों के माध्यम सेएमएसपी रेटों पर होनी चाहिए - बजरंग गर्ग

अनाज की खरीद मंडियों के माध्यम से नहीं होगी तो लाखों आढ़ती, मुनीम, मजदूर बर्बाद हो जाएगे - बजरंग गर्ग
चण्डीगढ़ - हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को मंडी के आढ़तियों से किए गए अपने वादे के अनुसार कपास की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से करवा कर आढ़तियों को कपास खरीद का पूरा कमीशन देना चाहिए। जब 21 सितंबर को मुख्यमंत्री ने कपास, सरसों, सूरजमुखी आदि फसलों की खरीद आढ़तियों से करने के लिए सरकारी अधिकारियों को आदेश दिए थे और केंद्र सरकार से इस बाबत बातचीत करने को कहा था। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि कपास के साथ-साथ हर अनाज की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से होनी चाहिए। अगर अनाज की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से नहीं होगी और आढ़तियों को कमीशन नहीं मिलेगा तो मंडियों में आढ़ती खाली दुकान करके क्या करेगा। श्री गर्ग ने कहा कि आढ़तियों ने मंडियों में करोड़ों रुपए की लागत लगाकर व्यापार कर रहे हैं और मंडियों के साथ लाखों कर्मचारी, मजदूर काम कर रहे हैं। जब की आढ़ती अनाज खरीद सफाई, अनाज उठान तक सारा काम करवाता है और अनाज खरीद से उठान तक रात-दिन रखवाली करता है जब जाकर आढ़तियों को काफी दिनों बाद सरकार से कमीशन मिलता है। अगर मंडियों में आढ़तियों को कमीशन नहीं मिलेगा तो आढ़ती मंडियों में दुकान करके क्या करेगा। आढ़तियों के माध्यम से अगर अनाज की खरीद नहीं होगी तो मंडिया बर्बाद हो जाएगी। मंडिया बंद होने से लगभग 50 हजार आढ़ती व लाखों मजदूर, मुनीम, कर्मचारी, बेघर हो जाएंगे। जबकि मंडी के माध्यम से खाली हरियाणा में लाखों परिवारों की रोजी-रोटी चल रही है। सरकार को ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहिए जिससे मंडियां बर्बाद हो जाए। सरकार देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती, मजदूर, मुनीम व ट्रांसपोर्ट के हित को देखते हुए अनाज, सब्जी, फल की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से व किसान की हर फसल एमएसपी रेट पर खरीद की गारंटी कानून बनाना चाहिए। किसानों कि हर फसल मंडियों के माध्यम से खुली बोली में बिक्रनी चाहिए। ताकि किसान को अपनी फसल के ज्यादा से ज्यादा भाव मिल सके।





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