मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा को हो रहे उपचुनाव में सभी मुद्दे फीके साबित हो रहे हैं, मजेदार बात तो यह है की पूरा उपचुनाव कमलनाथ बनाम शिवराज में तब्दील हो रहा है I कमलनाथ ने उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है, जिसके चलते मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पसीने छूटने लगे हैं I
उपचुनाव में विकास दल बदल और गद्दार जैसे मुद्दे फीके पड़ने लगे हैंI मध्य प्रदेश का राजनीतिक भविष्य और सियासत की दिशा तय करने वाले इस उपचुनाव का सारा दामोदार अब सिर्फ कमलनाथ बनाम शिवराज की जंग पर केंद्रित हो गया है I भारतीय जनता पार्टी की रणनीति भी शुरू से ही यही थी कि किसी तरह चुनाव शिवराज मोड़ पर आ जाए, ताकि पार्टी को उनकी की लोकप्रियता और सरल छवि का लाभ मिल सके I
शिवराज और कमलनाथ की इस लड़ाई में सरकार बनाने और बिगाड़ने की मुख्य भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सदस्य ज्योतिराज सिंधिया भी चुनावी मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे भाजपा की मुसीबत और बढ़ गई है I वहीं कांग्रेस के नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दिया गया बयान भूखे - नंगे की सरकार बाले बयान ने कांग्रेस को भी बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है I कांग्रेस नेताओं के इस बयान ने उपचुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की मुसीबत भी बढ़ा दी है I
कांग्रेस के पास भाजपा के हमलों की काट नहीं है, जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पलड़ा भारी होता नजर आ रहा है I कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है, उनको विश्वास है कि उपचुनाव से कांग्रेस के साथ खुद उनको खासा उम्मीदें हैंI मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कमलनाथ बनाम शिवराज मुकाबला रोचक होने जा रहा है I मध्यप्रदेश में किए गए सर्वे के अनुसार कांग्रेस और भाजपा में बड़े घमासान की उम्मीद नजर आ रही है I