करोना तीसरी लहर, खुद कि जान बचाकर निभाए राष्ट्रीय कर्तव्य

संजीव ठाकुर स्वतंत्र लेखक | पब्लिक एशिया
Updated: 19 Jun 2021 , 16:37:31 PM
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मुंबई दिल्ली में करोना की संक्रामकता और लहर धीरे धीरे फिर तेज होती जा रही है। कोविड-19 के संक्रमण ने भारत में ही लाखों लोगों की जान ले ली है। 12 करोड़ जनसंख्या वाले महाराष्ट्र में कोविड-19 लहर की शुरुआत हो गई है 24 करोड़ वाले उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले से इंतजाम करके रखें है| दो करोड़ की जनसंख्या से भरपूर दिल्ली में भी करोना संक्रमण के फिर से लक्षण दिखाई दे रहे हैं| ऐसे में इसमें नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि वे शासन द्वारा दिए गए अलग-अलग समय पर निर्देशों का पूर्णता पालन कर दूसरों की नहीं खुद की जान बचाकर एवं खुद को संक्रमण से पूरी तरह बचा कर राष्ट्रीय कर्तव्य की तरह इसे निर्वहन करें क्योंकि तीसरी लहर वैज्ञानिकों के अनुसार बच्चों तथा युवा लोगों के लिए खतरे से भरी हुई है, ऐसे में राष्ट्रहित में ना सिर्फ शासन-प्रशासन अपितु हमारी खुद की जिम्मेदारी बनती है कि हम संक्रमण रोकने वाली एजेंसियों का पूरा साथ दें, और एक जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य पूर्णता निभाए। देश के अधिकांश शहरों में लॉकडाउन खोल दिया गया है। बाजार, रेस्टोरेंट, सिनेमाघर, स्कूल तथा कॉलेज खोलने की तैयारी की जा रही है। शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से जारी है। बार भी खोल दिए गए हैं। आप सब को यह तो मालूम होगा ही कि ये सब करोना संक्रमण के बड़े केंद्र हैं। और यह खतरनाक वायरस इन्ही केंद्रों से तेजी से फैलता है। ऐसी स्थिति में अभी भी करोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क लगाकर दो गज दूरी रखकर, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचे, अन्यथा सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। तीसरी लहर को फिर से आने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।इसीलिए कोविड-19 की तीसरी लहर को हमें अपने आचार व्यवहार से आमंत्रित करने की किसी तरह की भी चेष्टा नहीं करनी चाहिए।
दूसरी तरफ भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन की गति अत्यंत सुस्त और धीमी हो गई है, और वैक्सीन ही नहीं लग पा रही है। भारत की इतनी बड़ी जनसंख्या का बड़ा प्रतिशत वैक्सीनेशन से अछूता है। उत्तर प्रदेश बिहार हरियाणा राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में अभी भी अफवाहों के कारण ग्रामीण जन नागरिक वैक्सीन लगवाने के मामले में अशिक्षा अंधविश्वास तथा सोशल मीडिया में आती खबरों के कारण भयभीत तथा डरे हुए हैं। वैक्सीनेशन ना होने के अन्य प्रमुख कारण वैक्सीन का उपलब्ध ना होना और ग्रामीण तथा अर्ध शहरी क्षेत्र में शिक्षा तथा वैक्सिंन के फायदे के प्रति जागरूकता का अभाव ही है। मेट्रोपोलिटन शहरों मुंबई, दिल्ली, कोलकाता,अहमदाबाद, बेंगलुरुऔर चेन्नई को छोड़ दिया जाए तो करोना की लहर धीमी पड़ गई है। उसका एक बड़ा कारण शहरी क्षेत्रों में नागरिकों का वैक्सीनेशन भी है। परंतु भारत का ग्रामीण क्षेत्र अभी भी वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार का शिकार है। और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के अभाव के कारण वैक्सीनेशन के संबंध में अलग-अलग अफवाह तथा भ्रांतियां फैलने के कारण लोग वैक्सीनेशंन से कतराने लगे है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र, राज्य सरकार, जागरूक नागरिकों को, शिक्षा संस्थाओं को, एन,जी,ओ तथा धार्मिक धार्मिक संस्थानों के मुखिया को ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता तथा शिक्षा लाने तथा वैक्सीनेशन से होने वाले फायदे के बारे में जागरूक करने की महती आवश्यकता है। अन्यथा ग्रामीण क्षेत्र में यदि वैक्सीनेशन नहीं होगा तो फिर करोना की तीसरी लहर को आने से कोई रोक नहीं पायेगा। अतः भारत के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में संपूर्ण रूप से वैक्सीनेशन की आवश्यकता होगी,शहरी क्षेत्र में लॉकडाउन हटने से लोग बेपरवाह होकर बाजारों तथा होटलों में एकत्र होना शुरू हो गए हैं, और मेडिकल गाइडलाइंस का भी पालन करते दिखाई नहीं दे रहे हैं। ऐसे में भारत भविष्य में करोना की तीसरी लहर की विषम परिस्थिति में फंस सकता है। इसीलिए शत प्रतिशत वैक्सीन का प्रयास किया जाना चाहिए और विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीन के प्रति जागरूकता तथा शिक्षा का प्रचार प्रसार पर्याप्त तरीके से किया जा कर करोना संक्रमण से बचाव किया जा सकता है। भारत में कोरोना की प्रथम लहर के थोड़े से नियंत्रण में आने के बाद सरकारों और आला अधिकारियों को यह गलतफहमी हो गई थी,कि करोना पूरी तरह नियंत्रित हो गया है। और वापस लौटकर नहीं आएगा। इसीलिए उन्होंने बाजार, आम सभाएं, शादी समारोह, होटल, टॉकीज,बड़े बड़े मॉल को खोलने की तथा ग्राहकों को आमंत्रित करने की अनुमति दी थी|
नीति निर्माता, नेताओं, मंत्रियों और आला अधिकारियों को कोविड-19 की तीसरी लहर के इंतजाम अभी से शुरू कर देना चाहिए।क्योंकि तीसरी लहर बहुत ही खतरनाक ज्यादा संक्रामक और जानलेवा हो सकती है। यह तीसरी लहर का वैरीऐट बच्चों तथा युवा लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा, और इसके कोई लक्षण भी नहीं दिखाई देंगे, कोविड-19 की पहली लहर में संक्रमण दस दिन तक अपने उफान पर रहता था।अब दूसरी लहर में 5 दिन में या पूरे शबाब पर आ जाएगा , तीसरी लहर में यह दो या तीन दिन में अपना सर्वाधिक असर दिखाने वाला होगा,अभी क्योंकि बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं ,मैदान में खेलने नहीं जा रहे हैं ,इसीलिए यह उन्हें प्रभावित नहीं कर पा रहा है। जैसे ही स्कूल खुलेंगे बच्चे स्कूल जाना शुरू करेंगे, तो एक दूसरे को ज्यादा संक्रमित करने की आशंका होगी। ऐसे में तीसरा संक्रमण कॉल बहुत ज्यादा डरावना और संक्रमण का होगा,वह दूसरे संक्रमण काल से भी ज्यादा मौत देने वाला होगा, ऐसे में सरकारों को, आमजन को, नागरिकों को, यह समझ जाना चाहिए की विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रचारित, प्रसारित गाइडलाइंस का पूर्णता पालन कर वैक्सीनेशन करवाना अत्यंत आवश्यक होगा। ब्रिटेन की वैज्ञानिक शोध पत्रिका लेसेंट ने बताया कि ब्रिटेन फ्रांस बच्चों के लिए वैक्सीन बनाने में सफल हो गए हैं। एवं ब्रिटेन में बच्चों को वैक्सीनेशन देने की अनुमति देने की तैयारी चल रही है, यदि वैक्सीन बन जाती है तो 10,12 साल से 15 साल के बच्चों को वैक्सीन देकर एवं कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन कर आने वाली पीढ़ी की जान बचाई जा सकती है।पर यह बड़ा खतरनाक वैरीयेट ही होने वाला है, इसे अतिरिक्त सावधानी की जरूरत होगी ।





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