कार, टीवी निर्माताओं के आगे चिप का संकट क्यों

नरविजय यादव वरिष्ठ पत्रकार | पब्लिक एशिया
Updated: 15 Nov 2021 , 15:27:50 PM
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 देश में नयी कारों की मांग बनी हुई है, जबकि कार कंपनियां आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं। खरीदारों को पसंद की गाड़ी पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। अनिश्चित आपूर्ति के लिए सेमीकंडक्टर चिप की कमी एक बड़ी वजह है, जिसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं समेत 169 से अधिक उद्योग प्रभावित हुए हैं। दूसरी वजह तांबा व अन्य कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि होना भी है। महामारी के दौरान जैसे भारत में कोयले की कमी हो गयी, वैसे ही चिप की कमी हो गयी है।


लॉकडाउन के समय दुनिया भर में लोग घर से ही कामकाज करने लगे, जिसके कारण कंप्यूटर, लैपटॉप, गेमिंग कंसोल आदि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग बढ़ती गयी। दूसरी ओर, चिप बनाने वाली कंपनियों ने उत्पादन घटा दिया था। इस साल शुरुआती तीन महीनों में कंप्यूटरों की बिक्री में बीते साल की तुलना में 26 प्रतिशत वृद्धि देखी गयी। चीन-अमेरिका व्यापार विवाद और ताइवान में सूखे की स्थिति भी चिप की कमी के लिए जिम्मेदार है।


 अक्टूबर में कारों की थोक बिक्री में 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई, जो कि कोविड-पूर्व, अक्टूबर 2019 की बिक्री से 16.7 प्रतिशत कम है। यानी कोविड काल में जितनी कारों की सेल हुई, उससे भी कम कारें अब बिकी हैं। बीते सितंबर में तो स्थिति और भी खराब थी, जब थोक बिक्री सालाना आधार पर 41.16 प्रतिशत घट गयी और सितंबर 2019 के मुकाबले करीब 26 प्रतिशत कम रही। सितंबर 2020 में, चीन-अमेरिका के बीच आर्थिक विवाद के बीच, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने चीन के सबसे बड़े चिप निर्माता, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉरपोरेशन पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे उनके लिए अमेरिकी कंपनियों को चिप बेचना कठिन हो गया। ताइवान सेमीकंडक्टर बनाने में दुनिया में अग्रणी है। इस साल वहां भयंकर सूखा पड़ा, जिससे चिप निर्माताओं को दिक्कत हुई। चिप बनाने के लिए भारी मात्रा में शुद्ध पानी चाहिए होता है। इसके अलावा, मार्च 2021 में कारों में इस्तेमाल होने वाली माइक्रोकंट्रोलर इकाइयों के लिए दुनिया भर में 30% आपूर्ति करने वाली एक जापानी फैक्ट्री में आग लग गयी।


एक आधुनिक कार में 1,500 से लेकर 3,000 तक चिप्स इस्तेमाल होते हैं। महामारी के दौरान, वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सिनेमाघरों और सिनेमाघरों को बंद कर दिया गया था, जिससे कई लोगों ने आत्म-अलगाव की अवधि के दौरान घरेलू मनोरंजन की ओर रुख किया, जिससे वीडियो गेम कंसोल की मांग बढ़ गई। सेमीकंडक्टर्स, या चिप्स में ऐसे गुण होते हैं जो कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच कहीं होते हैं। आमतौर पर सिलिकॉन से बने चिप का उपयोग कई प्रकार के उपकरणों जैसे कार, लैपटॉप, स्मार्टफोन, घरेलू उपकरण और गेमिंग कंसोल को बिजली सप्लाई करने के लिए किया जाता है। चिप से कई कार्य होते हैं, जैसे कि पॉवर डिस्प्ले और डेटा ट्रांसफर आदि। इसलिए, आपूर्ति की कमी का कार, फ्रिज, लैपटॉप, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री पर प्रभाव पड़ना लाजिमी है। शॉर्ट नोटिस पर चिप का उत्पादन नहीं बढ़ाया जा सकता। चिप बनाना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें महीनों लगते हैं। एक चिप बनाने में आम तौर पर तीन महीने से अधिक समय लगता है। ऐसे में 2023 तक समस्या बनी रहेगी। एनवी मंत्रा : संकट के हालात में धैर्य रखना और खरीदारी को टालना एक बेहतर रणनीति हो सकती है, जो राष्ट्र और उद्योगों के भी हित में है।






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