चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के वोटर आउटरीच कार्यक्रम पर एतराज जताते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी सरकार की आड़ में किसानों के आदेशों के खिलाफ जाकर चुनावी कार्यक्रमों को अंजाम दे रही है। इसके साथ ही "आप" ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के किसानों को दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने के बयान को गैरजिम्मेदाराना करार देते हुए किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया है।
मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान "आप" के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व विधायक अमन अरोड़ा ने संयुक्त किसान मोर्चा से अपील करते हुए कहा कि वह कांग्रेस और कैप्टन की लगाम कसे या फिर राजनीतिक पार्टियों को रैलियां व अन्य कार्यक्रम न करने के अपने आदेशों पर पुनर्विचार करे नहीं तो कांग्रेस की तरह अन्य पार्टियों को राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन की इजाजत दे।
उन्होंने कहा कि यह किसान मोर्चा की राजनीतिक दलों के साथ बैठक में तय हुई शर्तों का सरेआम उल्लंघन है। साढ़े चार साल बाद फार्म हाउस में बैठे रहे कैप्टन को अब चुनाव से पहले जनता के बीच जाना याद आ गया। बेहतर यह होता कि इतना समय फार्म हाउस पर मस्त रहने वाले मुख्यमंत्री किसान मोर्चा की बात मानकर तीन महीने और घर पर ही बैठे रहते। आज चुनाव से महज कुछ महीने पहले लोगों के बीच जाकर उन्होंने झूठे वादों के पुलिंदे बांधने शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि "चुनाव से पहले गुटका साहिब की झूठी सौगंध खाकर तथा जनता से झूठे वादे करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनाव से चंद महीने पहले जनता की याद क्यों आई? अरोड़ा ने कहा कि क्योंकि जनता इस बार बदलाव चाहती है इसलिए कैप्टन की झूठे वादों की दाल इस बार नहीं गलेगी।"
अमन अरोड़ा ने कहा कि केवल कैप्टन को राजनीतिक कार्यक्रम करने की इजाजत देना दूसरी पार्टियों के साथ अन्याय होगा। इसका सीधा फायदा केंद्र की मोदी सरकार को होगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी पहले दिन से किसानों के आंदोलन को समर्थन करती आई है तथा भविष्य में भी पार्टी के नेता व समर्थक किसानों के साथ खड़े रहेंगे।
उन्होंने कहा कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ यह लड़ाई किसानों की ही नहीं बल्कि सभी वर्गों की समान लड़ाई है। आप नेता ने कहा कि किसान आंदोलन में किसानों के धरने और उनकी शहादत से आम जनता को हो रही मुश्किलों के लिए केंद्र की मोदी सरकार के साथ साथ बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी बराबर के जिम्मेदार हैं। अगर केंद्र द्वारा कृषि सुधारों के लिए गठित समिति के सदस्य होने के नाते कैप्टन अमरिंदर सिंह समय रहते इन काले कानूनों की काली सच्चाई जनता के बीच लाते तथा हरसिमरत कौर बादल इन बिलों पर हस्ताक्षर न करतीं तो आज ये दिन न देखने पड़ते।
उन्होंने आगे कहा कि "अगर अमरिंदर सिंह का मानना है कि किसानों के धरने से प्रदेश को आर्थिक नुकसान हो रहा है, तो कैप्टन बताएं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर काले कानून वापस लेने के लिए अब तक कौन सा दबाव बनाया है। यह भी बता दें कि इन धरनों से पहले पंजाब को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए कैप्टन ने क्या कदम उठाए हैं?"
अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब की जनता को बताना चाहिए कि इन धरनों व प्रदर्शनों से पहले प्रदेश के व्यापार तथा उसे आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए उन्होंने क्या किया है?
आप नेता ने मुख्यमंत्री को सवाल किया कि "पंजाब में किसानों के अलावा शिक्षक, डॉक्टर,आंगनवाड़ी वर्कर,रोडवेज कर्मचारी सहित अनेक वर्ग धरने पर बैठे हैं। क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह इन्हें भी दिल्ली या हरियाणा भेजना चाहते हैं?
अरोड़ा ने कहा कि 2020 में आम आदमी की पार्टी की सरकार बनने के बाद किसानों को एमएसपी की गारंटी, युवाओं को रोजगार, सस्ती बिजली मुहैया कराना, ठेका प्रथा बंद करवा के स्थाई नौकरियों का प्रबंध करवाना जैसे मुद्दे पार्टी की प्राथमिकता में शामिल होंगे।