कृषि शोध से किसानों के जीवन में बदलाव आया: तोमर

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 16 Apr 2021 , 19:38:43 PM
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नयी दिल्ली, / कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि शोध एवं कृषि शिक्षा के माध्यम से देश के किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है।

पूसा संस्थान परिवार द्वारा उच्च अनुसंधान के साथ ही कृषि शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार एक के बाद एक नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं, जिनका लाभ कृषि क्षेत्र को मिल रहा है।

श्री तोमर ने कहा कि कृषि शिक्षा को मजबूत करने के लिए प्रमुख गतिविधियों के अंतर्गत 18 कृषि विश्वविद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किए गए हैं। ये सभी कृषि में स्थापित केंद्रीय सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं, जिससे समस्त 75 कृषि विश्वविद्यालयों के छात्र वर्चुअल क्लासरूम से जुड़ पाएंगे। इसका उद्देश्य कृषि विश्वविद्यालयों में शिक्षण व सीखने के अनुभव को प्रोत्साहन देना और रूचिकर बनाना है।

केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आईएआरआई के डिस्कवरी सेंटर एवं भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान के वर्चुअल क्लासरूम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, कृषि शोध एवं कृषि शिक्षा के माध्यम से देश के किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आ रहा है। वर्चुअल क्लासेस के माध्यम से पूसा संस्थान में ही विद्वानों का मार्गदर्शन लेकर एक बार में ही बच्चों को रूबरू करा सकते हैं, इसमें समय व पैसा दोनों बचेंगे। इस दिशा में ये कार्यक्रम मिल का पत्थर साबित होंगे, ऐसा विश्वास है।

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि प्रधान हमारे देश में कृषि हमारी रीढ़ है, कृषि क्षेत्र ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता को हमेशा सिद्ध किया है। देश में उन्नत कृषि हो, किसानों की आमदनी बढ़े, भावी पीढ़ी कृषि की ओर आकर्षित हो, कृषि उत्पादन का प्रोसेसिंग होकर रोजगार के अवसर सृजित करने का एक सशक्त माध्यम बनें, कृषि उत्पादों का निर्यात हम बढ़ा सकें, कृषकों को वाजिब दाम दिला सकें, ये सब जिम्मेदारियां केंद्र और राज्य सरकारों के ऊपर है। सरकारें जब काम करती है तो विभिन्न योजनाएं बनकर उनका क्रियान्वयन होकर लाभ गांवों तक पहुंचता है व किसानों को, खेती को फायदा होता है।

उन्होंने कहा कि इसी दिशा में दो चीजें बहुत महत्वपूर्ण है- कृषि अनुसंधान और कृषि शिक्षा, इनके बिना हमारी कोई भी योजना नीचे तक पहुंचकर लाभप्रद नहीं हो सकती। हम सौभाग्यशाली है एवं गौरवान्वित भी है कि पूसा संस्थान तथा हमारे अनेक कृषि विश्वविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से हमारे वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान में लगे हुए हैं, जिसका लाभ कृषि क्षेत्र को मिल रहा है एवं किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने में हम निश्चित रूप से सफल हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा की बेहतरी के लिए लगातार एक के बाद एक नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं। डिजिटल रूप में कैसे जनता के साथ जुड़ सकते हैं एवं टेक्नाेलाॅजी का उपयोग करके कम समय में अधिक काम कर सकते हैं, इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं, जो प्रशंसनीय है। प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं कि आपदा में अवसर तलाशना चाहिए और इस बात की खुशी है कि कोरोना महामारी जैसे संकटकाल में भी कृषि क्षेत्र का कोई भी काम नहीं रूका। श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र में विद्यमान चुनौतियों का मुकाबला करते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान बढ़ाने की बात भी कही।

कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री परषोत्तम रूपाला, आईसीएआर के महानिदेशक डाॅ. त्रिलोचन महापात्र एवं सचिव संजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के राष्ट्रीय निदेशक डाॅ. आर. सी. अग्रवाल, आईएआरआई के निदेशक अशोक कुमार सिंह तथा राजेंदर प्रसाद ने भी विचार व्यक्त किए।

वर्चुअल क्लासरूम्स के माध्यम से छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले वर्चुअल शिक्षण मॉड्यूल, वीडियो कैप्चर के माध्यम से वितरित व्याख्यान, वीडियो भंडार तक त्वरित पहुंच, किसी भी समय व्याख्यान का उपयोग, लाइव इंटरैक्शन/ इंटरैक्टिव लर्निंग, ऑनलाइन आंकलन, व्यक्तिगत एवं समावेशी रूप से सीखने का अनुभव आदि लाभ मिलेगा। इसके अलावा, वर्चुअल क्लासरूम्स, ब्लेंडेड लर्निंग पद्धति का हिस्सा होंगे, जो कि ऑनलाइन और इन-पर्सन टीचिंग/ लर्निंग को जोड़ती है, जिसमें क्वीज, वीडियो लेक्चर एवं अन्य सामग्री को वर्चुअल लर्निंग मॉड्यूल में लाया जा सकता है। वर्चुअल क्लासरूम सुविधा ई-शिक्षा वेब चैनल के साथ एकीकृत की गई है, जो कि शिक्षकों को वर्चुअल लर्निंग मॉड्यूल विकसित करने व प्रसारित करने की सुविधा के लिए एक इंटरैक्टिव पोर्टल है।

डिस्कवरी सेंटर- लगभग 600 लाख रुपए की लागत से जीनोमिक्स और बिग डाटा एनालिटिक्स प्रयोगशालाओं को डिस्कवरी सेंटर के नाम से स्थापित किया गया है। जीनोमिक्स प्रयोगशाला व वृहद डेटा विश्लेषण प्रयोगशाला और ड्रोन रिमोट सेंसिंग प्रयोगशाला शामिल है। जीनोमिक्स के क्षेत्र में स्नातकोत्तर छात्रों के अत्याधुनिक शोध हेतु ये सुविधाएं अत्यंत उपयोगी साबित होगी। इसके अलावा, “डिस्कवरी सेंटर“विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों व संकायों के कौशल का बड़े पैमाने पर विकास करने के लिए प्रशिक्षण करेगा।





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