कृषि सुधार क्रांतिकारी, किसानों के जीवन में आयेगा बदलाव :तोमर

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 16 Jul 2021 , 18:34:56 PM
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 दिल्ली कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि सुधारों को क्रांतिकारी बताया है और कहा है कि इन कार्यक्रमों से किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाले हैं।
 तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 93वें स्थापना दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों द्वारा इन कृषि सुधारों का लाभ लेने पर उनके लिए ये क्रांतिकारी साबित होंगे। अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान भी बढ़ेगा तथा इसमें और मजबूती आएगी।
उन्होंने कहा कि एक समय जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 50 प्रतिशत था, लेकिन तत्कालीन सरकारों द्वारा कृषि के प्रति उपेक्षित नीतियां अपनाने से यह क्षेत्र पिछड़ गया। अब कृषि क्षेत्र की बुनियाद लगातार मजबूत की जा रही है। किसानों की लागत घटाने, मृदा स्वास्थ्य पर ध्यान देने, सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अपनाने, कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने, जैविक-प्राकृतिक खेती करने सहित कृषि क्षेत्र की संपूर्ण प्रगति पर बल दिया गया है। इस दिशा में परिषद का विशेष महत्व और योगदान है, जिसने देश में खेती को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
 तोमर ने कहा कि परिषद द्वारा सफलतापूर्वक 92 वर्ष पूरे करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। कृषि क्षेत्र देश के विकास और अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, इसका मेरूदंड है, इसी के आसपास अर्थव्यवस्था के बाकी आयाम होते हैं। मौजूदा कोविड संकट सहित अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों में कृषि क्षेत्र ने अपनी ताकत दिखाते हुए प्रासंगिकता सिद्ध की है। सरकार की किसान हितैषी नीतियों, किसानों के कठिन परिश्रम के साथ ही कृषि वैज्ञानिकों का अतुलनीय योगदान इस प्रगति में साझीदार रहा है। आज भारत, विश्व को खाद्यान्न की पूर्ति करने में सक्षम है, वहीं हमारा बागवानी क्षेत्र पूरी दुनिया में प्रथम है। बेहतर गुणवत्ता के साथ वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है।
 तोमर ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया, साथ ही परिषद परिवार को स्थापना दिवस की बधाई तथा शुभकामनाएं दी।विशेष अतिथि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि परिषद ने भारत की कृषि प्रगति में उल्लेखनीय योगदान देते हुए राष्ट्र को खाद्यान्न के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि अनेक उत्पादों के मामले में अग्रणी निर्यातक देश भी बनाया है। खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन एवं मत्स्यपालन को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि खेत का मशीनीकरण, कृषि मूल्य बोध एवं खाद्य-प्रसंस्करण’ की दिशा में परिषद ने महत्वपूर्ण काम किया है। उन्होंने कहा कि किसान सारथी मंच के माध्यम से कृषि मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिकी, रेलवे एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का साथ मिलकर काम करना कृषि क्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

रेलवे एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कृषि मंत्रालय के साथ मिलकर किसानों के हित में काम करने का आश्वासन देते हुए कहा कि किसानों के उत्पाद को बिना नुकसान पहुंचाए एक से दूसरी जगह ले जाने और नई कृषि प्रौद्योगिकियों को किसानों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी, रेलवे और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पूर्णतः प्रतिबद्ध है ।
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि परिषद की उपलब्धियों का परिणाम है कि बहुत-से खाद्य पदार्थों में भारत आज आयातक से निर्यातक की स्थिति में पहुंच गया है। उन्होंने सरकार की योजनाओं का उदाहरण देते हुए युवाओं के लिए कृषि में रोजगार के अवसर पैदा करने, किसानों को उचित मूल्य मिलने और बीज की बेहतरीन किस्में ईजाद करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से पूरे देश के किसानों तक प्रौद्योगिकी का प्रसार संभव हो पाया है।परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने गतिविधियों, कार्यशैलियों और उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने सालभर में हुए राष्ट्रीय ,अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों, अभियानों और समझौता ज्ञापनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि में राष्ट्रीय उच्च शिक्षा, अनुसंधान, नयी देशी किस्मों की पहचान, प्रौद्योगिकियों के विकास, लैब टू लैंड के बीच के अंतराल को भरने तथा किसानों से सीधा संवाद करने के लिए परिषद प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में 'किसान सारथी' नामक सूचना संचार एवं प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित इंटरफेस मंच भी जारी किया गया, जो राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ स्थानीय स्तर पर कृषि का समर्थन करने के लिए एक बुद्धिमतापूर्ण/कुशल ऑनलाइन कृषि प्रौद्योगिकी मंच है। ‘किसान सारथी’ कृषि विज्ञान केंद्र, संस्थान और मुख्यालय से शुरू होने वाले परस्पर संवादात्मक नियंत्रण-पट्ट (डेशबोर्ड) के माध्यम से प्रत्येक स्तर की निगरानी और प्रतिवेदन (रिपोर्टिंग) के लिए सुविधा प्रदान करता है। इस मंच के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर अधिकारी दैनिक गतिविधियों-किसान पंजीकरण, लाइव कॉल, कुल कॉल, पुश किए गए संदेश, दी गई सलाह और लंबित सलाह को देख और निगरानी कर सकते हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी भी कार्यक्रम से जुड़े थे। इस अवसर पर परिषद ने चार प्रमुख श्रेणियों में 16 विभिन्न पुरस्कार दिए, जो 'कृषि संस्थानों के लिए उत्कृष्टता का राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और किसानों द्वारा नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार' हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम हुए कार्यक्रम में 16 विभिन्न श्रेणियों में 60 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों में चार संस्थान, एक अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, चार कृषि विज्ञान केन्द्र , 39 वैज्ञानिक और 11 किसान शामिल हैं। पचास सम्मानित लोगों में से 12 महिलाएं हैं। विभिन्न श्रेणियों में हिंदी राजभाषा पुरस्कार भी घोषित किए गए तथा प्रकाशनों का विमोचन किया गया। उप महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. ए. के. सिंह ने आभार व्यक्त किया।




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