केरल क्यों बना कोविड19 का हॉटस्पॉट,खतरनाक तीसरी लहर

संजीव ठाकुर,चिंतक लेखक | पब्लिक एशिया
Updated: 19 Sep 2021 , 12:54:56 PM
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केरल राज्य कोविड-19 की तीसरी लहर का खतरनाक हॉटस्पॉट बन गया है। पूरे देश में कल 25हजार संक्रमित करोना मरीजों में से केवल केरल में ही 20हजार संक्रमित लोग पाए गए हैं । भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी तेज हो गई है। एक दिन में ही 2.5 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन हुआ है। ऐसे में केरल में भी सघन अभियान चलाकर दोनों वैक्सीन के इंजेक्शन लगवाए जाने चाहिए ।

कुछ माह पूर्व केरल के द्वारा एक त्यौहार विशेष में 5 दिन का लॉक डाउन खोलने से जो कोविड-19 की लहर शुरू हुई है, उसका प्रकोप केरल राज्य में थमता हुआ नहीं दिख रहा है। वस्तुतः वहां वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बहुत तेज हुई है, और लगभग 90% लोगों को वैक्सीनेशन किया जा चुका है। तो फिर ऐसा क्या हुआ है कि केरल पूरे देश का कोविड-19 के संक्रमण का बड़ा केंद्र बन चुका है। भारत में कॅरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। जिसका परिणाम केरल में कोविड-19 की तीसरी लहर का विस्फोट हुआ था ।

एक दिन में ही 23 हजार संक्रमित लोग पाए गए थेl अब वहां निरंतर 20, 22 हजार मरीज रोज संक्रमित पाए जा रहे हैंl केरल में प्रशासन शासन तो सतर्क है,पर एक बार संक्रमित व्यक्ति पांच लोगों को संक्रमण कर देता है ।ऐसे में वहां स्थिति नियंत्रण से बाहर होते जा रही हैl अब केरल में नई परेशानी का सबब कोविड-19 का नया वायरस निपाह बन गया हैl इस वायरस से एक बच्चे की मृत्यु हुई है, और इस से संपर्क में रहने वाले 20 लोग सिपाह से ही संक्रमित पाए गए थेl केरल की स्थिति चिंताजनक है। केंद्र शासन भी वहां सहायता के लिए हर तरह संभव प्रयास कर रही हैl इसी तरह पूरे देश में ताजा सूचना के अनुसार कल यानी 14 सितंबर को 40,हजार से ज्यादा संक्रमित लोग पाए गए थेl

इसी तरह मुंबई,दिल्ली,हैदराबाद, कोच्चि,कोलकाता,मद्रास में कभी भी कोविड-19 के संक्रमण कि किसी लहर की विस्फोटक स्थिति बन सकती हैl विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की लगातार चेतावनी देने के बाद भी यदि हम नहीं समझते हैं, तो यह हमारी ही जिम्मेदारी हैl यहां एक व्यक्ति का सवाल नहीं है,एक व्यक्ति संक्रमित होता है, तो वह अपने परिवार में 5 लोगों को संक्रमित करता है।ऐसे में संक्रमण की स्थिति की भयावता का आप अंदाजा लगा सकते हैंl न्यूज़ एजेंसी के अनुसार सिपाह वायरस बच्चों तथा युवा लोगों को ज्यादा संक्रमित करता है ।एवं इसकी संक्रमण की तीव्रता डेल्टा वैरीअंट से कहीं ज्यादा हैlअमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, इंडोनेशिया,थाईलैंड, म्यांमार आदि देशों में यह संक्रमण तेजी से फैला हैl इंडोनेशिया जनसंख्या के हिसाब से विश्व में चौथे नंबर का देश है।

वहां करोना के तीसरी लहर की स्थिति अत्यंत विस्फोटक है। इंडोनेशिया, मलेशिया तथा म्यानमार में लगभग कुल 2लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत में भी करोना की तीसरी लहर की स्थिति निरंतर मेट्रोपॉलिटन सिटी से लेकर देश राज्यों की राजधानी में भी चिंताजनक बनी हुई है। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पहले से ही करोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है। अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश,असम में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन हालातों में राज्य सरकारों,केंद्र सरकार समाजिक संगठनों एन,जी,ओ को फिर से सक्रिय होकर वैक्सीनेशन की रफ्तार को लगभग दुगुना करना होगा। तब जाकर हम इससे निजात पा सकेंगे। अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन, फ्रांस,कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में 60 साल से ऊपर वरिष्ठ नागरिकों को तीसरा बूस्टर डोज लगाने की तैयारी है।

वहीं दूसरी तरफ भारत में इतनी विशाल जनसंख्या में अभी तक पहला डोज पूरी जनसंख्या को नहीं लग पाया है। भारत में लगभग 80 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन हो पाया है। और इतने ही लगभग वैक्सीनेशन के लिए कतार में लगे हुए हैं। इन परिस्थितियों में बुजुर्गों को तीसरे बूस्टर डोस देने की कल्पना करना बेमानी है। देश में जब सभी लोगों को कोविड-19 का इंजेक्शन लग जाएगा तब जाकर बूस्टर डोस की कल्पना की जा सकती है। वर्तमान परिस्थितियों में हम सबको अत्यंत सावधान होकर विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा भारत देश के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दी गई गाइडलाइंस यानी दिशा निर्देश का अक्षर से पालन कर मास्क लगाकर ,आपस में पर्याप्त दूरी रख,भीड़-भाड़ से दूर रहकर बारंबार हाथ धोने होंगे, तब जाकर हम संक्रमण से बच पाएंगे। वैसे सबसे कारगर उपाय वैक्सीन लगवाना ही है। भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार को बहुत ज्यादा तेज करने की आवश्यकता होगी।ऐसे में भारत को विशेष सतर्कता रखकर ज्यादा वैक्सीनेशन का प्रयास किया जाना चाहिए।

अन्यथा इतने बड़े विशाल देश में केरल राज्य की तरह किसी भी राज्य की विस्फोटक की सूचना किसी भी दिन समाचार पत्रों, टीवी चैनल, तथा मीडिया के माध्यम से मिल सकती है। जो ज्यादा खतरनाक होगी। इस दौरान बड़े शहरों में स्कूल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। स्कूल कॉलेज को खोलना भी कम खतरनाक नहीं होगा। इससे संक्रमण का खतरा नौनिहालों और युवा पीढ़ी पर हो सकता है। कोविड-19 का तीसरा आक्रमण सबसे ज्यादा बच्चों और युवा पीढ़ी पर होने वाला है।

अतः विशेष रूप से इन सब को सचेत कर स्वास्थ्य संगठनों के दिशा निर्देश का पालन करने की हिदायत देकर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। तब ही जाकर हम आने वाली पीढ़ी को इस भयानक संक्रमण से बचा सकेंगे।





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