कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अधिकारी फील्ड कमांडर हैं: मोदी

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 18 May 2021 , 18:24:34 PM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में क्षेत्रीय और जिला अधिकारियों को फील्ड कमांडर बताते हुए कहा है कि उन्हें योजनओं और रणनीतियों को जमीनी स्तर पर इस्तेमाल करते हुए सभी उपाय रूपी हथियारों का समुचित इस्तेमाल करना है।
मोदी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेन्स से कुछ राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के जिला तथा क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि देश में यह लड़ाई अधिकारियों के नेतृत्व में लड़ी जा रही है और सभी अधिकारी अपने यहां सर्वश्रेष्ठ अनुभवों तथा योजनाओं की सफलताओं को साझा करें जिससे कि इनका इस्तेमाल देश में दूसरी जगहों पर भी किया जा सके।
उन्होंने कहा , “ कोरोना के खिलाफ इस युद्ध में आप सब लोग एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका में है। आप एक तरह से इस युद्ध के फील्ड कमांडर हैं। जैसा की किसी भी युद्ध में होता है फील्ड कमांडर बड़ी योजना को मूर्तरूप देता है, जमीन पर उस लड़ाई को लड़ता है, परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेता है। आप सब भारत की इस लड़ाई के महत्वपूर्ण फील्ड कमांडर के रूप में आज नेतृत्व संभाल रहे हैं। ”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को इस लड़ाई में अपने सभी हथियारों यानी योजनाओं और उपायों तथा कदमों का सही से इस्तेमाल करना जरूरी है। उन्होंने कहा , “ इस वायरस के खिलाफ हमारे हथियार क्या हैं? हमारे हथियार हैं- लोकल कंटेनमेंट जोन, तेजी से जांच और लोगों तक सही और पूरी जानकारी। हॉस्पिटल्स में कितने बेड्स उपलब्ध हैं, कहाँ उपलब्ध हैं, ये जानकारी आसानी से उपलब्ध होने पर लोगों की सहूलियत बढ़ती है। इसी तरह, कालाबाजारी पर लगाम हो, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई हो, या फ्रंटलाइन वर्कर्स का मनोबल उपर रखकर उन्हें प्रेरित करना हो, एक फील्ड कमांडर के रूप में आपके प्रयास,कमांडर के रूप में आपके प्रयास पूरे जिले को मजबूती देते हैं। फ्रंटलाइन वर्कर्स को आपके कंडक्ट और एक्शन से हमेशा प्रेरणा मिलती है। मिलती है, उनका भरोसा और बढ़ता है। ”
 मोदी ने कहा कि अधिकारी अपनी सहुलियत और जरूरत के अनुसार सरकार की योजनाओं में फेरबदल कर सकते हैं क्योंकि अपने जिले और गांवों की जानकारी सबसे अच्छी तरह से उन्हीं के पास होती है। उन्होंने कहा , “
मैं आपसे एक और बात कहना चाहूंगा। इसलिए, अगर आपको कहीं लगता है कि सरकार द्वारा बनाई पॉलिसी में जिला स्तर पर किसी इनोवेशन की जरूरत है, उस इनोवेशन से पॉलिसी को ताकत मिलेगी, तो मेरा आपको खुली छूट है। उसे जरूर करिए। अगर ये इनोवेशन आपके जिले की स्थानीय जरूरतों के हिसाब से है, तो उसे उसी हिसाब से करिए। अगर आपको लगता है कि आपने जो इनोवेशन किया है, वो पूरे प्रदेश के लिए, या पूरे देश के लिए लाभकारी है, तो उसे सरकार तक भी पहुंचाइए। अगर आपको अपने अनुभवों से, तेजी से बदलती परिस्थितियों के हिसाब से नीतियों में किसी सुधार की जरूरत लगती है, तो उसका भी फीडबैक जरूर पहुंचाएँ। बिना संकोच पहुंचाये। क्योंकि ये लड़ाई ऐसी है कि हम सब मिलकर के सोचेंगे, सब मिलकर के नई-नई चीजें लाएंगे। तब जाकर के हम कर पाएंगे।”

उन्होंने कहा कि देश के हर जिले की चुनौती अलग है इसलिए उससे निपटने की रणनीति पर उस चुनौती को ध्यान में रखकर याेजना बनानी होगा। , “ आपके जिले की सफलता बाकी जिलों के लिए एक उदाहरण बन सकती है, उनकी भी मदद कर सकती है। कोरोना से निपटने के लिए जो भी बेस्ट प्रैक्टिसेज हैं उनको भी हमें अडॉप्ट करते चलना है। आपके बहुत से साथी ऐसे जिलों में होगें जहां कोरोना संक्रमण पीक पर पहुंचने के बाद अब कम हो रहा है। आपके बहुत से साथी, ऐसे जिलों में होंगे जहां कोरोना संक्रमण, उनके अनुभवों से सीखकर आप अपने जिलों में अपनी रणनीति को और मजबूत करते रहेंगे तो कोरोना के खिलाफ लड़ाई और आसान होगी।”

मोदी ने कहा , “ इस समय कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के आंकड़े कम हो रहे हैं। कई राज्यों में बढ़ भी रहे हैं। साथियों,कम होते आंकड़ों के बीच हमें ज्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। बीते एक साल में करीब-करीब हर मीटिंग में मेरा यही आग्रह रहा है कि हमारी लड़ाई एक एक जीवन बचाने की है। एक- एक जीवन बचाने की है। हमारी जिम्मेदारी संक्रमण को फैलने से रोकने की भी है और ये तभी संभव है जब हमें संक्रमण की स्केल की सही जानकारी होगी। टेस्टिंग, ट्रेकिंग , आइसोलेशन, ट्रीटमेंट और कोविड व्यवहार इस पर लगातार बल देते रहना जरूरी है। कोरोना की इस दूसरी वेव में, अभी ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में हमें बहुत ध्यान देना है। इसमें फील्ड में बिताया हुआ आप सभी का अनुभव और आपकी कुशलता ये बहुत काम आने वाली है।”
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा , “ हमें गांव-गांव में जागरूकता भी बढ़ानी है और उन्हें कोविड के इलाज की सुविधाओं से भी जोड़ना है। बढ़ते हुए केसों के और संसाधनों की सीमाओं के बीच, और संसाधनों की सीमाओं के बीच, लोगों की अपेक्षाओं को उचित समाधान देना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सारी चुनौतियों के बीच समाज के सबसे निचले छोर पर खड़े व्यक्ति का चेहरा ध्यान में रखते हुए हमें काम करना है। उसका कष्ट दूर हो, उसको मदद मिले हमें ऐसी व्यवस्थाओं को और मजबूत करना है। इस बहुत बड़े वर्ग तक जब प्रशासन का एक भी व्यक्ति पहुंचता है। या उससे संपर्क करता है। उसकी बात सुनता है। तो उससे बहुत बड़ा विश्वास जगता है। बीमारी से लड़ने की उसकी ताक़त कई गुना बढ़ जाती है।”
उन्होंने कहा कि कोविड के अलावा आपको अपने जिले के हर एक नागरिक की जीवन सुगमता का भी ध्यान रखना है। “ हमें संक्रमण को भी रोकना है और दैनिक जीवन से जुड़ी ज़रूरी सप्लाई को भी बेरोकटोक चलाना है। इसलिए स्थानीय स्तर पर कंटेनमेंट के लिए लिए जो भी गाइडलाइंस जारी की गई हैं, उनका पालन कराते समय इस पर भी गौर करना है कि गरीब को परेशानी कम से कम हो। किसी भी नागरिक को परेशानी न हो।”
श्री मोदी ने कहा कि पीएम केयर्स के माध्यम से देश के हर जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने पर तेज़ी से काम किया जा रहा है। कई अस्पतालों में ये प्लांट काम करना शुरु भी कर चुके हैं। जहां नहीं लगे हैं वहां इसके लिए जरूरी तैयारी पहले ही कर ली जाये तो ये आक्सीजन प्लांट तेजी से स्थापित किये जा सकेंगे।
टीकाकरण को कोविड से लड़ाई का सशक्त माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे जुड़े हर भ्रम को हमें मिलकर निरस्त करना है। “कोरोना के टीके की सप्लाई को बहुत बड़े स्तर पर बढ़ाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। वैक्सीनेशन को लेकर व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को हेल्थ मिनिस्ट्री लगातार स्ट्रीमलाइन कर रही है। कोशिश ये है कि अगले 15 दिन का शिड्यूल राज्यों को पहले ही मिल जाए। इससे आपको भी पता रहेगा कि जिले में कितने लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने जा रही है और आपको किस हिसाब से तैयारी करनी है। वैक्सीन वेस्टेज रोकने में जिला स्तर पर सही प्रबंधन की भूमिका के बारे में भी आप अच्छी तरह जानते हैं। आपके सहयोग से वैक्सीन वेस्टेज पूरी तरह रुक सकती है।”





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