क्या आधुनिकता मीडिया की ही देन है

संजीव ठाकुर, चिंतक, लेखक | पब्लिक एशिया
Updated: 29 Oct 2021 , 13:35:02 PM
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मीडिया  की भूमिका किसी समाज के लिए महत्वपूर्ण होती है,क्योंकि यह न केवल सूचना का प्रसार का कार्य करता है बल्कि लोगों को किसी मुद्दे पर अपनी राय कायम करने में सहायक भी होता हैl पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा प्रिंट मीडिया में बहुत बड़ा बदलाव आया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्लैमर और पीत पत्रकारिता में वृद्धि होने के साथ-साथ इसकी लोकप्रियता में अपार वृद्धि हुई है।


भारतीय आत्मा के रूप में पहचाने जाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,पत्रकार स्वर्गीय माखनलाल चतुर्वेदी ने 1925 में कर्मवीर के फिर से प्रकाशन के दौरान इसके अग्रलेख के अंतिम वक्तव्य के रूप में लिखा था कि प्रभु करें,इस सेवा में मुझे अपने दोषों का पता रहे और आडंबर अभियान और आकर्षण मुझे पद से भटका ना पाए। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है लोकतंत्र के अन्य तीन स्तंभ है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।


विधायिका का कार्य कानून का निर्माण करना है, कार्यपालिका का कार्य उस निर्मित कानून को लागू करना एवं अमल में लाना है एवं न्यायपालिका का कार्य कानून का कड़ाई से पालन करवाना होता है इन तीनों स्तंभों पर निगरानी रख लोकतांत्रिक भावनाओं की रक्षा की जिम्मेदारी मीडिया पर होती है। वैसे तो मीडिया का प्रमुख कार्य लोकमत का निर्माण, सूचनाओं का प्रसार, भ्रष्टाचार और घोटालों का पर्दाफाश तथा समाज की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करना ही है। मीडिया की शक्ति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बार यह जनमत का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जनमत के निर्माण के बाद जनक्रांति ही नहीं बल्कि अन्य प्रकार का परिवर्तन समाज में संभव है। मीडिया के प्रभाव से ही कई देशों की सरकार गिरी तथा नई सरकारों का नव निर्माण हुआ है। बिहार में चारा घोटाला, आंध्र प्रदेश में डाक टिकट घोटाला, 2G स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, कोयला घोटाला,मैच फिक्सिंग आदि इत्यादि अनेक प्रकार के घोटालों का पर्दाफाश में मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यूरोप के मशहूर पत्रकार जिम मॉरिसन ने कहा "जनसंचार माध्यम पर नियंत्रण करना बुद्धि पर नियंत्रण करना ही है"मीडिया अथवा माध्यम का महत्व आज ही नहीं आदिकाल से चला आता रहा है,इतिहास गवाह है कि नेपोलियन बोना पार्ट जैसा योद्धा भी मीडिया से बच के रहना चाहता था क्योंकि उन्होंने कहा था" मैं लाखों संगीनों की अपेक्षा तीन विरोधी समाचार पत्रों से अधिक डरता हूं" किसी व्यक्ति समाज अथवा राष्ट्र की छवि बनाने अथवा बिगाड़ने में मीडिया अथवा माध्यम का बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसीलिए सरकार है आजकल मीडिया मैनेजमेंट की तरफ बहुत ज्यादा ध्यान देकर इसमे बड़ी धनराशि खर्च करती है ताकि उनकी छवि जनता पर अच्छी बनी रहे और उनका वोट बैंक बरकरार रहे।



मीडिया का रोल आधुनिकता लाने में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सिनेमा, इंटरनेट, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और ट्विटर यह ऐसे माध्यम है जो देश के गांव-गांव तक अपना प्रभाव जमा चुके हैं। लोगों के रहन-सहन बोलचाल रंग ढंग सब में टेलीविजन सिनेमा का स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलता है। युवा वर्गों के अतिरिक्त बच्चों तथा महिलाओं पर भी उसका जबरदस्त प्रभाव पड़ा है, जो अब स्पष्ट रूप से उनके हाव भाव व्यवहार,रहन-सहन से परिलक्षित होने लगा है। मीडिया इस तरह आधुनिक समाज को पूरी तरह से प्रभावित कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया तथा सिनेमा और इंटरनेट भारतीय समाज की संस्कृति को भी काफी हद तक प्रभावित करने में सफल हुए हैं। दूसरी तरफ आजकल धन देकर समाचार प्रकाशित करवाने तथा विज्ञापन देकर अपने उत्पादों के प्रति आकर्षित करने का चलन बहुत बढ़ गया है, फल स्वरुप मीडिया की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चलने लगने लगे है। यही कारण है कि भारत के अधिकतर बड़े समाचार पत्रों तथा लीडिंग न्यूज़ चैनलों का स्वामित्व किसी न किसी स्थापित उद्यमी घराने के पास है।


मीडिया का बहुत ही महत्वपूर्ण व्यवहार तथा उपयोग राष्ट्र एक सूत्र में बांधने का भी होता है, आज समाज में सत्य के परीक्षण के लिए खुली बहस का आमंत्रण भी इनका महत्वपूर्ण कार्य है। पर आज अधिकांश मीडिया ग्रुप को जनहित एवं देश हित अलावा अपने उद्यमों की हित की चिंता रहती है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया को चलाने के लिए अत्यधिक धन तथा बल की आवश्यकता होती है जिसको मैनेज करना आसान नहीं होता है, इसीलिए यह अपने हितों को प्राथमिकता देते हैं, मीडिया पर सरकार तथा विज्ञापन दाताओं का प्रभाव भी समाचार पत्र में टेलीविजन प्रसारण में देखा जा सकता है, समाचार पत्र अपने विज्ञापन दाताओं के विरुद्ध कुछ भी छापने से बचते हैं। ईस प्रकार की पत्रकारिता मीडिया के लिए हानिकारक भी हो सकती है, पर यह मीडिया ग्रुप ओं की व्यावसायिक मजबूरी भी होती है, दूसरी तरफ मीडिया के माध्यम से लोगों को देश की हर गतिविधियों की जानकारी मिलती है,साथ ही साथ उनका मनोरंजन भी होता है।किसी भी देश में जनता का मार्गदर्शन करने के लिए निष्पक्ष एवं निर्भीक मीडिया का होना आवश्यक है। मीडिया ही देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक,सांस्कृतिक गतिविधियों की सच्ची तस्वीर जनता के सामने प्रस्तुत करता है। चुनाव के समय इनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है इस समय इन परिस्थितियों में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों से जनसाधारण को अवगत कराने की जिम्मेदारी भी मीडिया की ही होती है।


इस तरह समाज में आधुनिकता लाने तथा आधुनिक समाज में लोकतंत्र के प्रहरी की तरह मीडिया अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। एक स्वतंत्र राष्ट्र में स्वतंत्र, सशक्त मीडिया या चौथे स्तंभ की महती आवश्यकता होती है जो किसी भी देश के स्वस्थ विकास की परंपरा को बनाए रखते हैं।





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