खरीफ फसल के लिए घोषित समर्थन मूल्य किसान के साथ धोखा : कांग्रेस

SWATI VERMA | PUBLIC ASIA
Updated: 09 Jun 2022 , 20:13:44 PM
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नयी दिल्ली,। कांग्रेस ने मोदी सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए कहा है कि किसान की आय दोगुना करने की बात करने वाली सरकार उनके साथ छलावा कर रही है और उसने खरीफ़ फसल 2022-23 के लिए जो समर्थन मूल्य घोषित किया है वह देश के किसानों के साथ धोखा और विश्वासघात है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ छलावा किया है और आमदनी बढ़ाना तो दूर उनका दर्द सौ गुना बढ़ा दिया है। उनका कहना था कि एक तरफ़ पर्याप्त मात्रा में समर्थन मूल्य पर फसल नहीं खरीदी जा रही है वहीं लागत बढ़ाकर किसानों की आमदनी को आधा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर केंद्र सरकार समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान खरीदती है और बाकी समर्थन मूल्य के लिए घोषित फ़सलों में नाम मात्र की खरीदी की जाती है। समर्थन मूल्य को महज औपचारिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि छलावा करने की बजाय समर्थन मूल्य का कानून बनना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि लागत मूल्य बढ़ाने से किसान की आमदनी 27 रुपए प्रतिदिन के निम्न स्तर पर पहुंच गई है और किसान का औसत कर्ज 74000 रुपये हो गया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2016 में किसानों के साथ फसलों के दाम दो गुना करने का छलावा किया था।

 सुरजेवाला ने उसकी पोल खोलते हुए संसद की कृषि संबंधी समिति ने बताया कि सरकार आमदनी दोगुनी करने की बात करती है लेकिन कृषि बजट का प्रतिशत कुल बजट से कम में काम कर रही हैं और बीते तीन साल में उसने 67 हजार करोड़ रुपये कृषि बजट के खर्च ही नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि संसदीय समिति ने यह भी आरोप लगाया है कि मोदी सरकार हर साल कुल बजट में से कृषि बजट को कम कर रही है। साल 2019-20 में कुल बजट का 4.68 प्रतिशत कृषि बजट का हिस्सा था और 2020-21 में इसे कम कर 4.41 प्रतिधात और 2021-22 में 3.53 प्रतिशत किया गया और अब 2022-23 में मात्र 3.14 प्रतिशत किया गया है।

किसान सम्मान निधि को लेकर भी उन्होंने सरकार पर किसानों के साथ नाटक करने का आरोप लगाया और कहा कि उसने किसान सम्मान निधि के नाम पर छह हजार रुपये साल देने का स्वांग किया गया है और 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर खेती की लागत बढ़ाकर किसानों को लूट लिया है।

उन्होंने कहा कि डीजल की कीमत बढ़ाकर सरकार ने गाढी कमाई की है और किसानों तथा आम लोगों को लूटा है। उनका कहना था कि डीज़ल पर केंद्रीय उत्पाद में कई गुना बढ़ोतरी कर मोटी कमाई की गई है। डीजल पर 2014 में 3 .56 प्रति लीटर था जिसे बढ़ाकर 15.80 रुपए प्रति लीटर किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह से पहली बार खेती पर जीएसटी लगा कर किसान को लूटा जा रहा है और प्रचार हो रहा है कि उसकी आय दोगुनी की जा रही है। ट्रैक्टर तथा खेती के अन्य उपकरणों पर 12 प्रतिशत, ट्रैक्टर टायर और अन्य पुर्जों पर 18 प्रतिशत, खाद पर पांच प्रतिशत कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत कर लगाया गया है।





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