गणतंत्र दिवस झांकियों की चयन प्रक्रिया पारदर्शी:राजनाथ सिंह

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 18 Jan 2022 , 19:31:08 PM
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दिल्ली, । गणतंत्र दिवस परेड की झांकी पर जारी विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को चिट्ठी लिखकर आश्वासन दिया है कि झांकी के चयन की प्रक्रिया पूरी तरह ‘पारदर्शी’ है । सुश्री ममता बनर्जी और श्री एमके स्टालिन दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर गणतंत्र दिवस परेड में इन राज्यों की झांकियां शामिल न किए जाने पर नाराज़गी जताई थी। सुश्री बनर्जी ने पीएम को लिखे पत्र में कहा था कि वह राज्य की प्रस्तावित झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में स्थान न दिए जाने से ‘आहत’ हैं ।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसी ही चिट्ठी में कहा था,“मैं बहुत निराश हूं कि तमिलनाडु राज्य को आगामी गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के अवसर से वंचित किया गया है।” दोनों मुख्यमंत्रियों की आपत्तियों का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा है कि विशेषज्ञों की एक समिति थीम, अवधारणा, डिजाइन और इसके प्रभाव जैसे विभिन्न पहलुओं के आधार पर झांकियों के चयन पर अंतिम निर्णय लेती है । रक्षा मंत्री ने अपनी चिट्ठी में कहा,“मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली झांकियों की चयन प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है । कला, संस्कृति, संगीत और नृत्य के प्रख्यात विद्वानों की समिति राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों का मूल्यांकन कर सिफारिश करती है।”

राजनाथ ने आगे कहा कि इसी चयन प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल की झांकी ने वर्ष 2016, 2017, 2019 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था । एमके स्टालिन का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु की झांकियों को 2017, 2019, 2020 और 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए चुना गया था ।  सिंह ने यह भी कहा कि इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 29 प्रस्तावों में से 12 को मंजूरी दी गई है । सुश्री बनर्जी से श्री सिंह ने कहा कि अब से हर साल गणतंत्र दिवस समारोह नेताजी के जन्मदिन 23 जनवरी से शुरू होगा और 30 जनवरी को समाप्त होगा, सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस और पश्चिम बंगाल के सभी स्वतंत्रता सेनानियों की ऋणी है ।

सुश्री ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में यह भी कहा था कि पश्चिम बंगाल के सभी लोग केंद्र सरकार के इस रवैये से बहुत आहत हैं । बंगाल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे था ।





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