मऊ फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स के बढ़ते प्रचलन के बावजूद लोगों के लिए ‘दिव्य पेय’ के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाली ‘सतुई लस्सी’ गांवों की गली चौपाल से निकल कर आज पांच सितारा होटलों और नामी गिरामी रेस्टोरेंट की शान बन चुकी है।
गाजीपुुर समेत पूरे पूर्वांचल और बिहार वासियों के लिए दशकों से सतुई लस्सी सबसे पसंदीदा पेय पदार्थों में शामिल है लेकिन अब मुबंई,दिल्ली और बैंगलोर जैसे शहरों में औषधीय गुणों से युक्त इस पेय पदार्थ की बढ़ती मांग को देखते हुये नामी गिरामी रेस्तरां और पंच सितारा होटलों ने इसे अपने मेन्यू कार्ड में शामिल कर लिया है जो केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि अनेक रोगों के लिए भी रामबाण की तरह है।
यह ऐसा पेय पदार्थ है, जो पेट की कब्जियत से संबंधित अन्य बीमारियों को दूर करता है। वैसे तो सत्तू को लोग-बाग नमकीन, मीठा, तीखा, ठोस व तरल आहार के अलग-अलग रूपों में विविध स्वादों के साथ ग्राहण करते हैं, लेकिन गर्मी के दिनों में इसका तरल रूप विशेष आनन्द देता है।
खास बात यह है कि यह केवल भूख ही नहीं मिटाता, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इसमें इतने गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न प्रकार के रोग व अवसाद से भी दूर रखने का काम करते हैं।