गाजियाबाद:रेमडेसिविर की कालाबाजारी में डॉक्टर समेत तीन गिरफ्तार

swati verma | पब्लिक एशिया
Updated: 27 Apr 2021 , 23:04:56 PM
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गाजियाबाद:इस वक़्त जहा पूरे देश में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ, लोग ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहे है, कही किसी को ऑक्सीजन नहीं मिली, तो कही किसी को हॉस्पिटल में बेड नहीं मिल रहा, तो कही तो किसी का कोविद टेस्ट ही नहीं हो पा रहा, वहा ऐसे वक़्त में कुछ लोग ग़ज़िआबाद में रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी करते हुए पकड़े गए.

मामला है ग़ज़िआबाद का जहा

नगर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मंगलवार शाम को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने एक चिकित्सक समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है की आरोपियों के पास से पुलिस ने 70 रेमडेसिविर, दो अक्टेमरा इंजेक्शन, और लगभग 36 लाख रुपये व स्कॉडा कार बरामद की है।

हैरानी की बात ये है की पकड़ा गया चिकित्सक एम्स में न्यूरोलॉजिस्ट रह चुका है और वर्तमान में एम्स में गेस्ट डॉक्टर की तरह जाता है। वो एम्स जहा के डॉक्टर्स और चिकत्सिक पर लोग आँख बंद करके भरोसा करते है.आपको बता दे की ये न्यूरोलोगिस्ट निजामुद्दीन में अपना क्लीनिक चलाता है।

आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वे 35 से 40 हजार रुपये में रेमडेसिविर और डेढ़ लाख रुपये में अक्टेमरा इंजेक्शन बेच रहे थे। एसपी सिटी निपुण अग्रवाल का कहना है कि इन इंजेक्शनों को मजिस्ट्रेट के सामने पेशकर के रिलीज करा दिया जाएगा और जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया जाएगा।एसपी सिटी प्रथम निपुण अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपित निजामुद्दीन, दिल्ली निवासी डॉ. अल्तमश, कैला भट्ठा निवासी कुमैल अकरम व बाड़ा इंदुराव दिल्ली निवासी जाजिब अली हैं। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि वह दिल्ली के एम्स अस्पताल के पास एक व्यक्ति से यह इंजेक्शन लेकर गाजियाबाद में बेच रहे थे।
पुलिस के मुताबिक डॉ. अल्तमश हयात एक कंपनी में नेशनल सीइओ भी है,जबकि कुमैल अकरम का अपना खुद का कपड़े का कारोबार है और जाजिब अली फेस मास्क सप्लाई करता है।

जहा लोग दवा और इंजेक्शन की कमी से दम तोड़ रहे है वहा ये आरोपित पिछले करीब 15 दिन से इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने में व्यस्त थे।
इनके पास से बरामद 36 लाख रुपये इंजेक्शनों की कालाबाजारी से ही एकत्र हुए थे। अब तक ये लोग 50 से अधिक लोगों को इंजेक्शन बेच चुके हैं। इंजेक्शन कहां से लाए जाते थे और कौन इन्हें इनकी सप्लाई करता था, इस बारे में पुलिस अभी पूछताछ कर रही है।

इस पूरे मिशन को पुलिस ने रूपत्रित तरह से ग्राहक बन आरोपितों को पकड़ा

क्राइम ब्रांच प्रभारी संजय पांडेय ने बताया कि आरोपित विभिन्न माध्यमों से जरूरतमंदों को इंजेक्शन की सप्लाई कर रहे थे पर उनके दाम दुगने से भी ज़्यादा पर ज़रूरत मंदो को सप्लाई होती थी, या यह कहे ब्लैकमेलिंग होती थी क्यूंकि ऐसे वक़्त में इंसान को अपनी और अपनों की ज़िन्दगी ज़्यादा महत्वपूर्ण दिखती है ।

इनके बारे में सुराग मिलने पर पुलिस ने पूरा जाल बिछाया और अपने कुछ पुलिसकर्मियों को ग्राहक बनाकर इन आरोपितों से संपर्क कराया।

 पुलिसकर्मियों से आरोपितों का वाट्सएप पर संपर्क हुआ 38 हजार रुपये के हिसाब से 70 रेमडेसिविर की खेप मंगाई गई। इसके बाद आरोपित मंगलवार को इंजेक्शन सप्लाई करने के लिए आए तो पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया।

नगर कोतवाली प्रभारी संदीप सिंह ने बताया कि डॉ. अल्तमश काफी मशहूर न्यूरोलॉजिस्ट हैं। उनके क्लीनिक पर दूर-दूर से लोग उपचार के लिए आते हैं। आरोपित विभिन्न न्यूज चैनल्स पर विशेषज्ञ के रूप में आकर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सलाह भी देता है।





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