गाजियाबाद की आन बान शान को गर्त में पहुंचा रहा है नगर निगम

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 08 Oct 2020 , 14:52:03 PM
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गाजियाबाद शहर की प्रतिष्ठा व आन बान शान को गर्त में पहुंचाने का काम नगर निगम के उच्च अधिकारी गण द्वारा करना आम बात है मां लक्ष्मी मैया के आशीर्वाद से उनकी अपनी शान बनी रहे बस इतना ही काफी है नगर निगम में या तो ऐसे अफसर तैनात किए जाते हैं Iजिनकी खाल मोटी हो या चिकने घड़े हो जनता कितनी भी गिड़गिड़ा ले इनके  सामने फरियाद कर ले इनके कानों में जूं नहीं रेंगती यह टस से मस नहीं होते यह हाल तो तब है कि गाजियाबाद शहर पुराना औद्योगिक शहर व स्वतंत्रता आंदोलन की वजह से प्रसिद्ध है देश की राजधानी दिल्ली की जड़ से सटा है यहां तैनात अधिकारियों में जरा भी खौफ नहीं है  ना योगी जी का ना मोदी जी का I


      खैर छोड़िए यह तो ठहरे नौकरशाह कहते हैं कि काहे का लोकतंत्र काहे का जनता का शासन असली शासन पर पकड़ तो नौकरशाह की होती है और देश तो नौकरशाह ही चला रहे हैं इसका कारण भी है जनता द्वारा चुने गए कुछ प्रतिनिधियों का अपरिपक्व/ कर्तव्य हीन/अशिक्षित/भ्रष्टाचारी/अपराधी प्रवृत्ति आदि का होना नगर निगम में कुछ ऐसे जनप्रतिनिधि व जनप्रतिनिधियों के मुखिया चुने गए जिनका कोई सामाजिक आधार व प्रभाव नहीं रहा लेकिन पार्टी की हवा में जीत गए खैर यह इस गाजियाबाद की जनता का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा I


     नगर निगम के अधिकारी कितना ढीठ/ चिकने घड़े व बेखौफ हो सकते हैं इसका एक उदाहरण मात्र से स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और आप देखना इस तथ्य के प्रकाशन उपरांत भी स्थिति जस की तस ही रहने वाली है क्योंकि नगर निगम अधिकारी अंधे बहरे हो चुके हैं I
    गाजियाबाद शहर के केंद्र में मेट्रो स्टेशन व जीटी रोड की जद में स्थित मोहल्ला भौजा के प्रमुख निवासी गण द्वारा मोहल्ले की मेन सड़क पर रखे गए खोके को हटवाने के लिए तत्कालीन महापौर श्री अशु कुमार वर्मा जी से मुलाकात कर  दिनांक 18/06/2016 को पत्र प्राप्त कराया उक्त पत्र पर कोई कार्यवाही ना होने पर नगर आयुक्त को दिनांक 11/07/2016 को पत्र प्रेषित किया  साथ ही महापौर महोदय को भी पत्र प्रेषित किया पुनः दिनांक 30/08/2016 को महापौर महोदय से मिलकर अनुस्मारक पत्र प्रस्तुत किया तथा नगर आयुक्त को भी पत्र प्राप्त कराया इसके बाद कई बार बड़े छोटे सभी अधिकारियों से मिलते रहे अधिकारीगण भी मोहल्ला वासियों को   सूपनखा समझ कर एक दूसरे पर टालते हुए चक्कर लगवाते रहे जबकि पत्र में बार-बार स्पष्ट किया जाता रहा कि उक्त खोखा जहां रखा गया है वह सड़क मोहल्ले की मेन सड़क होने की वजह से आवागमन का मुख्य रास्ता है इस सड़क के संकरी होने से आपात स्थिति में फायर बिग्रेड की गाड़ी नहीं आ सकती साथ ही खोका पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहने से आती-जाती युवतियों पर छींटाकशी होती है तथा खोखा रखने से सड़क संकरी हो जाने पर वाहनों का आपस में टकराव होने से विवाद होते हैं हार कर निराश होकर मोहल्ला वासी इस आस में बैठ गए कि नगर निगम का कोई ईमानदार/कर्तव्यनिष्ठ मुखिया होगा तब गुहार लगाएंगे आज भी स्थिति ज्यों की त्यों है 
       गाजियाबाद नगर निगम की मुन्नी यूं ही बदनाम नहीं हुई अपने कारनामों की वजह से आए दिन ताने सुनता है  चाहे हिंडन डूब क्षेत्र स्थित झील पर  भू माफियाओं से मिलकर संजय कॉलोनी बनवाकर अवैध कब्जा करवाने पर हो  जिसमें नगर निगम की मुन्नी ने हाउस टैक्स भी लगाया तथा  वहां सड़क,पानी,सीवर की सुविधाएं  भी दी  या हिंडन नदी को राम तेरी गंगा मैली होने की दशा तक पहुंचाने का काम हो नगर निगम के प्रतिनिधि व अधिकारी सबसे आगे मिलेंगे 
       खैर जनाब नगर निगम के नए नए मुखिया बनते रहेंगे तथाकथित बढ़िया वाले अधिकारी आते रहेंगे जाते रहेंगे लेकिन खोखा भी वही रहेगा और अधिकारियों की खाल भी पतली नहीं होगी चाहे गुहार लगाने वाली जनता को पुनर्जन्म क्यों ना लेना पड़े




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