जिलाधिकारी पौड़ी की एक और अनूठी पहल,चीड़ के बीज को बनाया आर्थिकी का जरिया

संवाददाता | पब्लिक एशिया
Updated: 16 Mar 2024 , 13:05:13 PM
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देहरादून/पौड़ी।  जिलाधिकारी पौड़ी, डॉ. आशीष चौहान एक रचनात्मक और अभिनव प्रयोग करने वाले प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं। चारधाम पौराणिक गंगा पथ यात्रा, बर्ड वाचिंग, चौरासी कुटिया द गंगा फेस्टिवल और पहाड़ी अंजीर को बढ़ावा देने के पश्चात आज उन्होंने अगरोड़ा स्थित ग्राम सभा मरोड़ के पाली गांव में स्थलीय निरीक्षण के दौरान चीड़ के बीज को महत्वपूर्ण संसाधन में बदलने का बीड़ा उठाते हुए उसके बीज से ग्रामीणों के माध्यम से फ्रूटस प्राप्त किए तथा इस दौरान परियोजना प्रबंधक रीप को निर्देशित किया कि स्वयं सहायता समूह और वन पंचायत के माध्यम से संग्रहित चीड़ के बीच को 500 रूपये प्रति किलोग्राम में क्रय किया जाए।

   उन्होंने कहा कि इससे पाइन नट्स फ्रूट्स और पाइन सीड ऑयल तैयार किया जाए। इसके लिए जिलाधिकारी ने सतपुली के बिलखेत में रीप परियोजना के अंतर्गत ज्योति आजीविका स्वयं सहकारिता को इसकी यूनिट  स्थापित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 22 लाख रुपए की धनराशि भी जारी कर दी है। 

      इस इस दौरान जिलाधिकारी से पाली गांव के स्थानीय लोगों ने बातचीत के दौरान कहा कि  चीड़ को इस तरह संसाधनों में बदलने से एक ओर स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी तथा दूसरी ओर  कुछ हद तक चीड़ के जंगल पर अंकुश भी लगेगा,  जिससे जंगल में लगने वाली दावानल में भी  कमी आएगी और चीड़ के जंगल में  कमी आने से  अन्य 32! प्रजातियों को पनपने का अवसर भी मिलेगा  तथा बाँझ, देवदार, बुरांस, मरु जैसे प्रजातियों के वृक्ष अधिक पनपेंगे। जिससे हरियाली अधिक होगी। लोगों ने जिलाधिकारी की इस पहल का स्वागत किया और प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर यह प्रयास ठीक से फलिभूत हुआ तो आने वाले समय में लोगों को इसका व्यापक लाभ मिलेगा।  




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