ट्रैफिक पुलिस के सिपाही की मौत व दूसरे का घायल होना बनी पुलिस के गले की फांस

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 30 Jun 2021 , 19:36:36 PM
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मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुए सड़क हादसे में ट्रैफिक पुलिस सिपाही की मौत तथा दूसरे के गंभीर रूप से घायल होना अब पुलिस के गले की फांस बन गई।
अवैध वसूली के आरोप में जेल में बंद ट्रैफिक इंस्पेक्टर के वेतन संबंधी सर्विस रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद नहीं, रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, बगैर सेलरी के पिछले कई वर्षों से पुलिस को सेवाएं देने के पीछे आखिर क्या रहस्य है,विभाग से जानकारी मंगाई गई हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने बुधवार को बताया कि अवैध वसूली के आरोप में जेल गए ट्रैफिक इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह राठौर को कब से और क्यों वेतन नहीं मिल रहा है,यह जानकारी मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद से मंगवाई जा रही है। धर्मेंद्र सिंह राठौर को 2018 में मुजफ्फरनगर से तबादला होकर मुरादाबाद में तैनाती मिली थी,लेकिन अंतिम वेतन सर्टिफिकेट नहीं भेजे जाने की वजह से उसे सैलरी नहीं मिल रही थी।
उन्होंने बताया कि गाजियाबाद से मुजफ्फरनगर ट्रांसफर होने के बाद एलपीसी नहीं आने से वेतन नहीं निकाला जा सका। उच्चाधिकारियों द्वारा पूरे मामले की जानकारी जुटाई जा रही है, जिससे इस रहस्य से पर्दा उठ सके कि आखिर गडबडझाला है तो है कहां है ।
गौरतलब है कि वर्ष 2001 में उपनिरीक्षक के पद पर पुलिस में भर्ती हुए धर्मेंद्र सिंह राठौर लगभग बीस साल की सर्विस के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलो में तैनाती रही है। धर्मेंद्र सिंह राठौर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के मोहम्मदाबाद इलाके के गोंधा का मूल निवासी है।
पिछले साढ़े तीन साल से एक भी रुपया वेतन न लेना किसी के भी गले नहीं उतर रहा है, इसके बावजूद इसके सहन पर सवाल उठे है। टीआइ धर्मेंद्र सिंह राठौर को आखिरी वेतन गाजियाबाद में जारी हुआ था। इसके बाद उसने किसी भी जिले से वेतन नहीं लिया। बिना वेतन के ही वह नौकरी कर रहा है। ऐसे में पुलिस विभाग ने गाजियाबाद पुलिस को पत्र जारी करके इस बात की जानकारी मांगी हैं, कि आखिरी टीआइ को इतने सालों से क्यों एलपीसी जारी नहीं किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पत्र भेजकर टीआई के सर्विस रिकार्ड का पूरा ब्योरा मांगा है।
सोमवार 28 जून को नेशनल हाईवे-9 जीरो प्वाइंट से करीब दो किमी दूर इनोवा इंटरसेप्टर साईड में खडी करके सवेरे छह बजे चेकिंग की आड में अवैध वसूली कर रहा था। उसी दौरान पंजाब के संगरूर से चली डबल डेकर यात्री बस दिल्ली की ओर से आती दिखाई दी लेकिन तेज रफ्तार बस के सामने अचानक पुलिसकर्मी खडे हो गए, चालक बस से नियंत्रण खो बैठा और पास में खडी पिकअप को टक्कर मारते हुए दूर तक घसीटते हुए ले गया,जिससे वह पलट गई। इस हादसे में ट्रैफिक पुलिस के सिपाही समेत चार लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी और अन्य सिपाही समेत 19 लोग घायल हो गए थे।





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