डेंगू से बचाव व रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एड़वाइजरी

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 03 Sep 2021 , 18:56:49 PM
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 मेरठ ।जिलाधिकारी के0 बालाजी ने मानसून के दौरान जनपद मथुरा एवं फिरोजबाद में डेंगू आउटबे्रक की सूचना प्राप्त होने पर डेंगू रोग के प्रभावी नियंत्रण हेतु कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये है। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह डेंगू के प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता पर कराये। डेंगू से बचाव की जानकारी जन सामान्य को विभिन्न संचार माध्यमो से दी जाये।

जिलाधिकारी ने बताया कि स्क्रब टाइफस की रोकथाम हेतु झाडियो को नियमित रूप से काटा जाये तथा चूहो को नियंत्रित करने की कार्यवाही की जाये। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मरीजो के सैम्पल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे जाये। जनसामान्य को पीने का पानी उबालकर प्रयोग करने की सलाह दी जाये।

उन्होने कहा कि ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रो में निर्धारित दिशा-निर्देशो के अनुसार सोर्स रिडक्शन गतिविधियां नियमित रूप से संचालित की जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन क्षेत्रो में एक या अधिक डेंगू रोगी पाये जाते है, तो डेंगू से पूरे ग्राम क्षेत्र/मौहल्ले में टीम भेजकर जल संग्रहित सभी पात्रो को खाली कराते हुये प्रजनन स्रोतो को समाप्त कराया जाये। ऐसे स्रोतो जिनका संग्रहित जल हटाना संभव न हो तो ऐसी स्थिति में चिन्हित स्रोतो में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक पुष्ट रोगी के घर एवं आसपास के 50 घरो में पाईरिथ्रम का छिड़काव कराया जाये साथ ही एक्टिव केस सर्च, सोर्स रिडक्शन, जन सामान्य को डेंगू रोग के प्रति जागरूक किये जाने संबंधी गतिविधियो का संपादन कराया जाये।

घरो में कूलर, फ्रिज, गमलो इत्यादि में जमे जल को साफ करवाया जाये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 अखिलेश मोहन ने जनसामान्य को सूचित करते हुये बताया कि डेंगू से बचाव व रोकथाम के लिए वह क्या करें और क्या न करें-ःसीएमओ ने बताया कि आमजन क्या करे-घर में कूलर, बाल्टी, घडे, ड्रम तथा फूलदान का पानी साप्ताहिक अंतराल पर बदलते रहें। कूलर का पानी निकालने के बाद उसकी टंकी, दीवारो को स्क्रब से साफ करके 4-5 घंटे सूखने दें जिससे दीवारो से चिपके लार्वा भी मर जाये। घर पर एवं घर में पानी रखने वाली टंकी एवं बर्तनो का ढ़क्कन अच्छी तरह से बंद रखें। घर के आसपास पानी एकत्रित न होने दंे।

पूरी आस्तीन का कपड़ा पहने तथा पैरो में जूता मोजा पहने। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। नीम की पत्ती का धुंआ करे। डेंगू बुखार में चिकित्सक की सलाह के अनुसार पैरासिटामाॅल की गोली या सिरप लेकर बुखार को कम रखिये एवं पूर्ण आराम करें। पानी की पटटी रखकर ज्वर को कम करें। बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय पर निःशुल्क जांच एवं उपचार कराये तथा चूहे, छछूंदरो से बचे। सीएमओ ने बताया कि आमजन क्या न करे-घर के आसपास आंगन में एवं छत पर पड़े पुराने बर्तनो, कूलर आदि में पानी इकट्ठा न होने दें तथा कबाड छत पर या खुले स्थान पर न डाले। घर के आसपास कूडा एवं पानी एकत्र ना होने दें। घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे मच्छरदानी के बिना न रहने दें अथवा ऐसे कमरे में रोगी की देखभाल करें जिसके खिडकी तथा दरवाजो पर जालियां लगी हो। नंगे बदन न रहे।

बुखार का रोगी बिना रक्त की जांच कराये दवा का इस्तेमाल न करें तथा खली पेट दवा न खाये। एस्प्रिन/डिस्प्रिन/आबूप्रोफेन/डिकलोफेनेक/एसीक्लोफेने/निमुसिलाइड एवं नीबूसिलायइड/स्टीरायड औषधियां चिकित्सक की सलाह के बिना कदापि नहीं लेना चाहिए। ऐसा न करने पर रोगी की स्थिति गंभीर हो सकती है। खुले में शौच न करे। उथले हैण्ड पम्प का पानी न पीये। झोलझाप चिकित्सक से उपचार न लें।




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