तीन जनवरी से लगेंगे 15 से 18 वर्ष के किशोरों काे टीके

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 26 Dec 2021 , 20:29:45 PM
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लखनऊ ।कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रान से बचाव के लिये सभी ऐहतियाती कदम उठा रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष के किशोर बच्चों को कोरोना का टीका कवर देना शुरू करेगी। इसके साथ ही दस जनवरी से वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सीय सलाह पर कोविड वैक्सीन की प्री काशन डोज दी जायेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को टीम-09 की बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष के किशोर बच्चों को कोविड टीकाकरण का सुरक्षा कवर प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रारंभ होना है। इसी प्रकार 10 जनवरी से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स तथा 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को, उनके डॉक्टर की सलाह पर कोविड वैक्सीन की प्री-कॉशन डोज दी जाएगी।

उन्होने कहा कि कोविड टीकाकरण में उत्तर प्रदेश ने अब तक शानदार कार्य किया है। यह क्रम आगे भी जारी रहे, इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं। किशोरों के टीकाकरण के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए।

योगी ने कहा कि 19 करोड़ 40 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और नौ करोड़ 20 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। यहां छह करोड़ 88 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। 12 करोड़ 51 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। इस प्रकार टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी में लगभग 85 फीसदी को पहली और 47 फीसदी लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है। वैक्सीनेशन को और तेज करने की जरूरत है।

उन्होने कहा कि कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में स्थिति नियंत्रित है। पिछले 24 घंटों में 59 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई है जबकि 16 लोग कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 323 है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशव्यापी रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। पुलिस बल लगातार गश्त करे। वरिष्ठ अधिकारी स्वयं फील्ड में उतर पर निरीक्षण करें। रात्रि में संचालित होने वाली औद्योगिक इकाइयों के कार्मिकों को आवागमन की छूट दी जाए। नोएडा गाजियाबाद जैसे सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। अन्य राज्यों अथवा विदेश से उत्तर प्रदेश की सीमा में आने वाले हर एक व्यक्ति की ट्रेसिंग-टेस्टिंग की जाए। बस, रेलवे और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। निगरानी समितियों के माध्यम से गांव-शहरी वार्डों में बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति की टेस्टिंग कराएं।






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