नई आशाओं के साथ नूतन वर्षअभिनंदन

अंचलभारद्वाज | पब्लिक एशिया
Updated: 29 Dec 2021 , 16:45:15 PM
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सुस्वागतम ...हर वर्ष की तरह एक बार फिर नई आसए उमंग और अभिलाषाओ के साथ नव वर्ष का स्वागत करने  का समय आ गया है। शीत का दुशाला ओढ़े वर्ष 2022  ने दस्तक दे दी है तो आइएण्ण् हम भी सूर्य की पहली किरण३ण्

पक्षियों के चहचहाने और प्रकृति के सौंदर्य में खुशियां मनाते हुए नववर्ष का स्वागत करें। हर वर्ष 31 दिसंबर की रात को गत वर्ष को अलविदा करते हुए पूरे हर्षोल्लास से नए सपने और नई उम्मीदें लिए नव वर्ष  का स्वागत   अलग अलग तरीके से  करते हैं। कुछ लोग पार्टियां करते हैंए होटलों में जश्न मनाते हैंए बाहर घूमते फिरते हैं और कहीं मंदिर में पूजा अर्चना करके अपने अपने अंदाज में नव वर्ष के शुभ आगमन का स्वागत करते हैं।

 हिंदी तिथि के अनुसार चैत्र मास में नववर्ष का आगमन होता है परंतु अधिकतर देशों में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को ही नव वर्ष मनाया जाता है। गत वर्ष पर नजर डालें तो कोरोना  महामारी ने हमें बहुत पीछे धकेल दिया। कोरोना की दूसरी लहर ने जो  प्रकोप दिखाया उसे तो कोई नहीं भूल पाएगा। अनेक लोगों ने इस वर्ष अपनों को खो दिया ऐसी उम्र के लोग दुनिया से चले गए जो ना पहले से बीमार थे और ना उनकी उम्र जाने की थी।  ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर विकट स्थिति उत्पन्न हुईए मरीज जीवन की जंग लड़ते रहे और इलाज के लिए बेबसी देखी गई। कोई अपने भाई के भी अंतिम दर्शन न कर सका तो कोई मां अपने बेटे को अंतिम विदाई ना दे सकी तो किसी बेटे को रोते बिलखते ही सब्र करना पड़ा। अपनो के अंतिम संस्कार मे शामिल ना हो सके वे ह्रदय विदारक घटनाएं हम नहीं भूल पाएंगे। पूरे विश्व में यही नजारा था।  इस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को भी हिला कर रख दिया अनेक लोग बेरोजगार हो गए तो किसी के व्यवसाय धीमे पड़ गए जिसका उनके परिवारों पर बड़ा बुरा असर पड़ा। शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका असर रहाए बच्चे स्कूल सही तरीके से जा नहीं पाएए ऑनलाइन शिक्षण ही  मजबूरी बन गया और बच्चे बेचारे घरों में सिमट कर रह गए। ऐसा लगता है ईश्वर ने मनुष्य को एहसास दिलाया है कि इंसान तो एक कठपुतली मात्र है ईश्वर की इच्छा के आगे पत्ता भी नहीं हिलता।

इसी के साथ किसान आंदोलन के दौरान 2021 गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआए उपद्रवियों ने ट्रैक्टर मार्च के नाम पर जो उपद्रव  किया जो हिंसा लोगों ने देखी उसने देश की गरिमा को बड़ी चोट पहुंचाई। लखीमपुर खीरी में जो जाने गई वह घटना  भी बहुत दुखद है। प्रथम सीडीएस बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु भी देश को गहरी चोट दे गयी सबकी आंखें नम कर गयी। लेकिन कुछ अच्छे पलों को भी नहीं भूलना चाहिए लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन प्रधानमंत्री के बिल वापस  लेने पर समाप्त हुआ और किसान नाचते. गाते जश्न मनाते अपने घर लौटे।  इसके अलावा सबको रक्षा कवच देने के लिए देश में स्वदेशी वैक्सीन लगाई गई। कहते हैं जहां चाह वहां राह। देश में वैक्सीन की डोज लक्षित जनसंख्या को लगने से भी एक कीर्तिमान स्थापित हुआ और टीकाकरण के महा अभियान ने विश्व रिकॉर्ड कायम किया। प्रधानमंत्री ने 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के किशोरों के लिए वैक्सीन लगाने और स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्करों के लिए बूस्टर डोज लगाने की घोषणा के साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग को भी वैक्सीन लगाने का ऐलान किया है जो सरहानीय कदम है।

इसके अलावा सरकार से सीधे तौर पर उलझने वाली ट्विटरए फेसबुक और इंटरनेट मीडिया कंपनियों ने काफी शोर.शराबा करने के बाद आखिर में अपने जवाब देह अधिकारियों की भारत में नियुक्ति तथा किसी वांछित जांच में सहयोग की स्वीकृति दे दी। पिछले दिनों मां गंगा के सामने ही  काशी विश्वनाथ मंदिर के कोरिडोर का भव्य निर्माण हमने देखा जो हमारी सनातन संस्कृति की भव्यता का प्रतीक है। ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने कई मेडल जीते भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने तो ओलंपिक में अपने भाले से स्वर्ण पदक पर निशाना साध लिया। देश में युवा उद्यमियों ने इतिहास रचते हुए भारत को भी  विश्व में स्टार्टअप का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बना दिया जो बड़े गर्व की बात है। इस तरह कहीं खुशी तो कहीं गम  रहा। चुनावी माहौल भी देश में बना हुआ हैए आए दिन रैलियां हो रही हैं।  भारत के लिए 2021 विपरीत परिस्थितियों में भी संयमए साहस और संकल्प को सार्थक करने का वर्ष रहा।

वर्ष के अंत तक आते.आते लोग  यही कामना करते  हैं कि यह वर्ष तो जैसा भी गया हे प्रभुण्ण् आने वाला  वर्ष सभी के लिए शुभ हो। इस बार  जनवरी से पहले ही देश में ओमिक्रोन ने अपनी दस्तक दे दी है देश के अनेक राज्यों  में निरंतर इस नए वेरिएंट के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है जो डराने वाली है। सरकार ने तो तैयारियों के लिए अपनी कमर कस ली है दिशा निर्देश जारी किए हैं और हमें बहुत सावधानी से कोविड. नियमों का पालन करते हुए नव वर्ष का स्वागत करना है नव वर्ष की खुशी में कोरोना को न्योता नहीं देना है। प्रकृति का नियम है चुनौतियों को स्वीकार करते हुए निरंतर आगे बढ़ते रहना नवसृजन करते रहना।  मान लो अतीत संग विदा हुआ. दुखों का सिलसिला। हमने कुछ खोया है तो कुछ पाया शायद इसी का नाम जीवन है। आने वाले वर्ष 2022 में देश की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए शांति और सुख समृद्धि की कामना करते हैं। सबसे पहले तो अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं कहते हैं पहला सुख निरोगी काया। हमारे स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना दिन रात एक कर जो सेवाएं देश को दी उनको भी नमन है। बस अब तो हर जीवन से दुखों का अंधकार दूर हो नव वर्ष की पहली किरण से ही हर घर में आशा और विश्वास का उजियारा हो और जीवन में खुशियों की बहार हो हर चेहरे पर अब मुस्कान हो।

नव वर्ष का नूतन अभिनंदन है। समय के पहिए के साथ दिन महीने साल गुजर जाते हैं और जीवन का कारवां चलता रहता है। नई ताजगीए नई कल्पनाए नई ज्योति और उमंग से नव वर्ष उदित हो यही मंगल कामना है। किसी की गोद ना उजड़े  और सच्ची मानवता की शुरुआत हो देश की अर्थव्यवस्था सुधरेए लोगों को नए रोजगार मिले। 

संसार में हर तरफ हरियाली हो और मुक्त कंठ से विश्वास की मशाल लिए शांति के गीत गाए जाए।  सभी के लिए मन के द्वार खोल देए हर मन में आशा के नित नए फूल खिलेए नवचेतना नव जोश से लोग प्रेम की भाषा को समझें और आपस की कटुता को दूर करें। संसार में सद्भाव जागे और सत्यए अहिंसा व धर्म का राज हो। देश में आतंक और डर की छाया भी ना होए हर घर में बहन बेटियां सुरक्षित हो  और चारों ओर से हमारी सीमाएं सुरक्षित रहें। अपने बड़ों का आशीर्वाद लेकर हमारे नौजवान नए हौसले से जीवन में आगे बढ़ते हुए अर्जुन की तरह अपना लक्ष्य साधें और सफलता उनके कदम चूमे। नई सोच के नए प्रभात से हर घर में मंगलदीप जले। नव वर्ष आपके लिए शुभ हो।2022 की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।





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