नेहरू चाचा तुम्हें सलाम

दीपाली कालरा | पब्लिक एशिया
Updated: 12 Nov 2021 , 13:06:10 PM
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अमन शांति का दे पैगाम बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

बाल दिवस को भारत में हर साल 14 नवंबर को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है जो कि बच्चों के प्रति जवाहर लाल नेहरू के प्यार और लगाव को देखते हुए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बाल दिवस  के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति बच्चों का मनोबल बढ़ाते हैं और उन्हें उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।

27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरु  का निधन हुआ था जिसके बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि अब से हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर बाल दिवस मनाया जाएगा और इस दिन बाल दिवस कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?

भारत देश में बड़ी धूमधाम से बाल दिवस मनाया जाता हैं।इस दिन पंडित नेहरु को श्रधांजलि दी जाती हैं।बच्चो के चहेते चाचा नेहरु के जीवन के पन्नो को आज के दिन पलटा जाता है, आने वाली पीढ़ी को आजादी के लिए दिये गये इनके योगदान के बारे में बताया जाता हैं।बाल दिवस  के दिन बच्चों को गिफ्ट्स दिए जाते हैं।इस दिन स्कूलों में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजित किया जाता है, साथ ही बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।बाल दिवस के दिन कई स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है और बच्चों के लिए खेल कूद का आयोजन होता है।कई स्कूलों में बाल दिवस के दिन बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है।

इस दिन रेडियो टीवी  पर भी कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जो बच्चो को मार्गदर्शन प्रदान करते हैंअनाथ बच्चों का संगीत वाद्ययंत्र, स्टेशनरी, किताबें, कपड़े और खिलौने आदि के वितरण से मनोरंजन किया जा सकता है।


छोटी सी कविता बाल दिवस पर

बच्चे ही उनकी ज़िन्दगी थे,

बच्चो में ही उनकी जान थी,

भारत के प्रधानमंत्री थे वो,

ऐसे बच्चो के प्यारे थे चाचा जी।।


ना द्वेष भावना थी,

ना ही माथे में कोई शिकन थी,

मुख पर मुस्कान जिसके रहती थी,

ऐसे बच्चो के प्यारे थे चाचा जी।।

देश को स्वतंत्र कराने में, जी जान जिसने लगा दी,

डटकर मुकाबला कर अंग्रेजो का,

पसीने उनके छूडा दिए जिसने

ऐसे बच्चो के प्यारे थे चाचा जी।।


हर बच्चे को पढ़ा लिखाकर, आत्मनिर्भर जो बनाना चाहते थे,

चौदह नवंबर को सार्थक बनाकर,देश का भविष्य को बताना चाहते थे,

ऐसे बच्चो के प्यारे थे चाचा जी।। 








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