परमबीर सिंह के खिलाफ रंगदारी मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 28 Jul 2021 , 17:56:29 PM
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मुंबई,  मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह और सात अन्य के खिलाफ मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस थाने में दर्ज रंगदारी मामले की जांच के लिए बुधवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया और एक अन्य मामला अपराध शाखा में दर्ज किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार 25 जुलाई को मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। एसआईटी में सात सदस्य शामिल होंगे और इसका नेतृत्व पुलिस उपायुक्त निमित गोयल करेंगे, जो कि स्थानीय शस्त्र विभाग में तैनात हैं। श्री गोयल पर्यवेक्षण अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त एमएस मुजावर (देवनार) मामले में जांच अधिकारी होंगे।
अधिकारी ने बताया कि एसआईटी के अन्य सदस्य आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के निरीक्षक परिणाम परब, जबरन वसूली सेल (एईसी) के निरीक्षक सचिन पुराणिक, आजाद मैदान पुलिस थाने के निरीक्षक विनय घोरपड़े, अपराध शाखा के सहायक पुलिस निरीक्षक महेंद्र पाटिल तथा साइबर पुलिस थाने के एपीआई विशाल गायकवाड हैं।
मुंबई पुलिस प्रमुख ने अपने आदेश में एसीपी मुजावर को मरीन ड्राइव पुलिस थाने तथा एसीपी अपराध (डी-वेस्ट) से मामले में सभी संबंधित दस्तावेज लेने के निर्देश दिए।
मरीन ड्राइव पुलिस ने गत हफ्ते एक बिल्डर की शिकायत पर परमबीर सिंह, पांच
अन्य पुलिस अधिकारियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ वसूली, धोखाधड़ी तथा जालसाजी
के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
मरीन ड्राइव पुलिस ने पिछले हफ्ते   सिंह, पांच अन्य पुलिस अधिकारियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर की शिकायत के बाद रंगदारी, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
बिल्डर ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) कानून के तहत उसके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के लिए उससे 15 करोड़ रुपये की मांग की थी।





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