पर्यटकों की भीड़ पर लगाम लगाने के लिये कारगर कदम उठाये सरकार: हाईकोर्ट

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 07 Jul 2021 , 17:33:00 PM
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नैनीताल,  उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोविड महामारी को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिये कि सुरक्षा के खातिर सप्ताहांत पर हिल स्टेशनों को खोलने के निर्णय की समीक्षा करे। साथ ही मुख्य सचिव से कहा कि चारधाम यात्रा की सीधा प्रसारण के संबंध में लिये गये निर्णय की रिपोर्ट अदालत में पेश करें।
मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ में आज कोविड-19 महामारी को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर व अतिरिक्त सचिव डाॅ. आशीष चौहान उपस्थित रहे।
लंबी चली सुनवाई में पहाड़ों की रानी मंसूरी और नैनीताल में सप्ताहांत पर पर्यटकों की उमड़ रही बेतहाशा भीड़ एवं कोविड-19 महामारी को लेकर जारी निर्देशों का पालन नहीं करने, प्रदेश में कमजोर स्वास्थ्य ढांचा, अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रशिक्षु चिकित्सकों को कम वेतनमान दिये जाने, शारीरिक रूप से अक्षम एवं असहाय लोगों के टीकाकरण और चारधाम यात्रा के सीधा प्रसारण के मामले उठाये गये।
अदालत ने नैनीताल और मंसूरी में पर्यटकों की उमड़ रही भीड़ को गंभीरता से लिया और कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एवं भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मुखिया और वैज्ञानिकों की टीम भी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर समय-समय पर चेतावनी जारी करते आ रहे हैं। केन्द्र सरकार की ओर से भी राज्यों को एहतियात बरतने को लेकर एडवाइजरी जारी की गयी है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने नैनीताल और मंसूरी जैसे पर्यटन केन्द्रों को पर्यटकों के लिये खोलने की अनुमति दे दी है।
न्यायालय ने कहा है कि पर्यटकों द्वारा कोविड मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है और न ही आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट और प्रदेश में आने के लिये आवश्यक पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा रहा है। शासन-प्रशासन भी जांच में लापरवाही बरत रहा है। नैनीताल में आखिरी दो सप्ताहांत के मौके पर हजारों की संख्या में सैलानी जुटे हैं। ऐसे में प्रदेश में डेल्टा वेरिएंट फैलने की संभावना बढ़ गयी है।
इसके बाद अदालत ने सरकार को निर्देश दिये कि सरकार वीकेंड को खोलने के निर्णय की समीक्षा करे। साथ ही पर्यटकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिये ठोस कदम उठाये जायें। अदालत ने यह भी कहा कि मुख्य सचिव चारधाम यात्रा का सीधा प्रसारण को लेकर चारधाम देवस्थानम् बोर्ड के निर्णय के संबंध में रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले अदालत में पेश करे।
अदालत ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को निर्देश दिये कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर उठाये कदमों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट 26 जुलाई तक अदालत में पेश करें। अदालत ने कहा कि कितने सरकारी एवं निजी अस्पतालों में एमआरआई मशीन, कितने बाल रोग विशेषज्ञ, बच्चों के वार्ड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। अदालत ने प्रदेश में टीकाकरण के संबंध में जिलेवार रिपोर्ट देने को कहा है।
अदालत ने यह भी कहा है कि सरकार शारीरिक रूप से अक्षम एवं असहाय बुजुर्गों के टीकाकरण के लिये क्या कदम रही है। साथ ही सरकार को निर्देश दिया कि प्रशिक्षु चिकित्सकों के वेतनमान को बढ़ाने के संबंध में विचार करे। इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।





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