पाकिस्तान में मार्शल लॉ लगाने की तैयारी। इमरान सरकार का होगा तख्तापलट

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 14 Oct 2021 , 14:06:21 PM
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पाकिस्तान का 1947 से स्वतंत्रता के बाद का इतिहास रहा है कि पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार का कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। पाकिस्तान के इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को उस समय के सेना के जनरल याह्या खान ने तख्तापलट कर उन्हें फांसी दे दी थी और सत्ता पर कब्जा कर लिया था। यही हालात अब पाकिस्तान मैं बन चुके हैं ।पाकिस्तान की आर्मी के चीफ जनरल कमर बाजवा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी के बीच पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आई,एस,आई के चीफ को बदलने को लेकर गहरा तनाव पैदा हो गया है।


जनरल बाजवा चाहते हैं की खुफिया एजेंसी का प्रमुख नदीम अंजुम को बना दिया जाए, उसके लिए बाजवा ने बकायदा लिखित में आदेश जारी कर दिया गया है पर इसमें एक वैधानिक दिक्कत सामने आ गई, इस नियुक्ति पत्र पर अंतिम सहमति प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर से होनी थी, और इमरान खान पूर्व आई, एस, आई प्रमुख को बदलने की फितरत में नहीं दिखाई दिए, उन्होंने उस आदेश पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि इमरान खान ने इस तरह ऐसा करके सीधे-सीधे कमर बाजवा को दुश्मनी के मैदान में ललकार दिया है। यदि इमरान खान अपना कदम वापस नहीं लेते हैं, तो बाजवा कोर्ट मार्शल लगाने में जरा भी देर नहीं करेंगे और पाकिस्तान के नए हुक्मरान कमर बाजवा होंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने आरोप लगाया है इमरान खान अपनी पत्नी बुसरा बेगम के कहने पर जादू टोने से सरकार चला रहे हैं। बसरा बेगम को पाकिस्तान का हर नागरिक घोर अंधविश्वासी, जादू टोने वाली मानती है। इमरान खान अपनी बसरा बेगम की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं, और संविधान तथा कानून की जगह अंधविश्वास और जादू टोने पर विश्वास कर बाजवा को नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहे हैं। सारे विपक्षी दल और मीडिया वैसे भी इमरान खान के पूरी तरह विरोध में आ चुके हैं।


इमरान खान नियाजी का महंगाई, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति पर कोई नियंत्रण नहीं है, वे केवल तालिबान की जीत का डंका बजा कर आवाम का ध्यान हटाना चाहते हैं, और तो और इमरान पाकिस्तान पर आने वाले 10 साल तक शासन करने का सपना देख रहे हैं, जबकि कमर बाजवा पाकिस्तान में कोर्ट मार्शल लगाने की तैयारी में जुट गए हैं। पाकिस्तान के इतिहास में वहां की सेना तथा सेना प्रमुख हमेशा बहुत ज्यादा ताकतवर रहे हैं और समय-समय पर प्रधानमंत्री को हटाकर सत्ता पर काबिज हुए हैं। इसके पहले परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री का तख्ता पलट कर सत्ता हाथ में ली थी। अब 22 साल बाद फिर कमर बाजवा इतिहास दोहरा कर एक नई इबारत लिखने के जुगाड़ में हैं। यह तो तय है यदि इमरान खान नदीम अंजुम को आई, एस ,आई चीफ बनाकर नियुक्ति के आदेश मैं हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो इमरान खान की प्रधानमंत्री पद से विदाई निश्चित है। उन्होंने एक तरह से कमर बाजवा से बुरी तरह दुश्मनी मोल ले ली है। इमरान खान ने सेना के जनरल को समझाने के लिए अपने तीन मंत्री भेजे थे पर जनरल बाजवा किसी भी तरह से मानने को तैयार नहीं है। उधर यह अफवाह है इमरान की पत्नी पाकिस्तानी सेना के जनरल को जादू टोने से रास्ते से हटाने के प्रयास में है। पाकिस्तानी मीडिया तथा पूरा विपक्षी दल तथा पाकिस्तान की आवाम इस तरह की हरकतों को दकियानूसी तथा हास्यास्पद बताने से नहीं चूक रहा है।


अब देखना यह है की पाकिस्तान का इतिहास फिर से दोहराया जाएगा या इमरान खान अपने कार्यकाल के पूरे 5 साल सत्ता में काबिज रहेंगे। आपको यह बता दें कि इमरान खान अफगानिस्तान पर तालिबानी आतंकवादियों द्वारा कब्जे को अपनी जीत समझकर जश्न मना रहे हैं। उनका मुगालता यह है की पाकिस्तान और इमरान खान के कारण तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा कर पाया। तालिबानी जीत को पाकिस्तानी हुक्मरान अपनी जीत बता कर वहां की जनता का का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक संकट से हटाकर तालिबानी जीत की ओर ले जाना चाहते हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान की जीत से पाकिस्तानी मीडिया ,विपक्षी दल एवं आम जनता पूरी तरह निर्विकार है, और वह जानती है कि तालिबानी आतंकवादी कभी भी किसी के सगे नहीं हुए हैं, भविष्य में पाकिस्तान पर भी हमला कर सकते हैं। इन सब हालातों के फल स्वरुप अंतर्राष्ट्रीय परिवेश में यह माना जा रहा है कि इमरान सरकार बहुत जल्द ही अपदस्थ होने वाली है और पाकिस्तान के नए हो हुक्मरान वहां सेना के जनरल बाजवा ही होंगे।
                                              संजीव ठाकुर, चिंताक,लेखक, रायपुर छत्तीसगढ़, 9009 415 415,





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