नई दिल्ली, । पाकिस्तान में कई दिनों से चला आ रहा सियासी संकट समाप्त हो गया है। इमरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को बिना मतदान के ही खारिज कर दिया गया। इसके साथ ही नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को बिना वोटिंग के ही खारित कर दिया। हालांकि, विपक्ष ने सूरी के इस कदम को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में डिप्टी स्पीकर का यह कदम असंवैधानिक था? अब क्या देश में आम चुनाव होंगे? पाकिस्तान के इस सियासी घटनाक्रम में फौज का क्या रोल होता है? क्या विपक्ष को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिल सकती है?