पाबंदियां लगाते समय लोगों की आजीविका पर भी करें गौर:पीएम मोदी

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 13 Jan 2022 , 19:03:41 PM
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नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की रणनीति बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ एक बैठक की। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। बैठक में प्रधानमंत्री ने राज्यों में स्वास्थ्य ढांचे की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही कई अन्‍य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मुख्‍यमंत्रियों से कहा कि कोविड-19 के खिलाफ रणनीतियां बनाते समय अर्थव्यवस्था और आम लोगों की आजीविका पर भी गौर करना होगा।

तेजी से फैल रहा ओमिक्रोन, रहें सतर्क

कोरोना स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन तेजी से फैल रहा है, ये अधिक ट्रांसमिसिबल है। हमारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ स्थितियों का आकलन कर रहे हैं। स्पष्ट है कि हमें सतर्क रहना है।

कोरोना महामारी से विजयी होंगे

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा- हम भारत के 130 करोड़ लोग, अपने सामूहिक प्रयासों से निश्चित रूप से कोरोना महामारी से विजयी होंगे। रही बात ओमिक्रोन की तो इसके बारे में प्रारंभिक तस्‍वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है। यह वैरिएंट सामान्य आबादी को पिछले वाले वैरिएंट की तुलना में कई गुना तेजी से संक्रमित कर रहा है।

हर घर दस्तक अभियान तेज करने की सलाह

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा- आज राज्यों के पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन है। फ्रंटलाइन वर्कर्स और वरिष्ठ नागरिकों को 'प्रीकाशन डोज' जितनी जल्द लगेगी उतना ही हमारे हेल्थ केयर सिस्टम का सामर्थ्य बढ़ेगा। शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए हर घर दस्तक अभियान को हमें और तेज करना है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज भारत लगभग 92 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दे चुका है। देश दूसरी डोज की कवरेज में भी 70 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुका है। 10 दिन के अंदर ही भारत ने लगभग तीन करोड़ किशोरों का भी टीकाकरण कर दिया है।

आने वाले वैरिएंट के लिए तैयार रहने की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा- हमें सतर्क और सावधान रहना चाहिए लेकिन पैनिक से बचना चाहिए। खासकर त्योहारों के मौसम में लोगों और प्रशासन की सतर्कता कम नहीं होनी चाहिए। मौजूदा वक्त में ओमिक्रोन से लड़ने के अलावा हमें भविष्य में भी इस वायरस के किसी भी वैरिएंट के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा- महामारी से लड़ने में अब तक अपनाए गए सामूहिक दृष्टिकोण को केंद्र और राज्य सरकारों को जारी रखना चाहिए। कोविड महामारी के खिलाफ टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार है। अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नागरिकों को जितनी जल्दी हम एहतियाती खुराक देंगे, हमारी स्वास्थ्य प्रणाली उतनी ही मजबूत होगी।

लोगों की आजीविका पर भी करें गौर

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कोविड पाबंदियों के मसले पर मुख्‍यमंत्रियों से कहा कि कोविड रणनीतियां बनाते समय अर्थव्यवस्था और आम लोगों की आजीविका की रक्षा करना बहुत महत्वपूर्ण है। स्थानीय नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए।

देश में कोरोना के 2,47,417 नए मामले

देश में एक दिन में कोरोना के 236 दिनों में सबसे अधिक 2,47,417 नए मामले आए हैं जबकि 380 मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई है जिससे महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,85,035 हो गई है। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,63,17,927 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 11,17,531 हो गई है जो 216 दिनों में सर्वाधिक है।

ओमिक्रोन के मामले बढ़कर 5,488 हुए

यही नहीं देश में ओमि‍क्रोन वैरिएंट के एक दिन में 620 मामले सामने आए जिसके साथ ही इस वैरिएंट के मामले बढ़कर 5,488 हो गए हैं। इनमें से ओमिक्रोन से पीड़‍ित 2,162 लोग स्वस्थ हो गए या देश छोड़कर चले गए हैं। राज्‍यों में यदि ओमिक्रोन मामलों की बात करें तो महाराष्ट्र में ओमि‍क्रोन के सबसे अधिक 1,367 केस हैं। इसके बाद राजस्थान में इस वैरिएंट के 792 मामले, दिल्ली में 549, केरल में 486 और कर्नाटक में 479 मामले आए।

रिकवरी रेट घटी, विशेषज्ञों ने चेताया

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर कम होकर 95.59 फीसद हो गई है। वहीं विशेषज्ञों ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर आगाह किया है। इस बीच मेदांता अस्पताल के वरिष्‍ठ चिकित्‍सक डा. अरविंद कुमार ने कहा है कि टीकाकरण का ओमिक्रान पर असर नहीं दिख रहा है। मौजूदा वक्‍त में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही लोगों को गंभीर बीमारियां भी हो रही हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि आईसीयू में भर्ती होने वालों की संख्या और संक्रमितों को आक्सीजन की आवश्यकता मनोवैज्ञानिक रूप से उतनी चुनौतीपूर्ण नहीं है जितनी दूसरी लहर में थी।





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