पेगासस प्रकरण: जांच, निगरानी का विस्तृत ढ़ांचा बनाया है न्यायालय ने

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 27 Oct 2021 , 21:34:11 PM
  • Share With



नयी दिल्ली। चर्चित पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की ओर से बुधवार को गठित तीन सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञों की समिति और उनकी निगरानी के लिए की गयी व्यवस्था इस प्रकार है:


- विस्तृत अधिकार सम्पन्न तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति में साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, संवेदनशील दूरसंचार और डिजिटल अवसंरचना तथा प्रौद्योगिकी क्षेत्र का लम्बा अनुभव रखने वाले श्री नवीन कुमार चौधरी, प्रबाहरन पी और अश्विन अनिल गुमास्ते को स्थान


- शीर्ष न्यायालय की ओर से जांच की निगरानी उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे।


- न्यायमूर्ति रवींद्रन की सहायता के लिए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आलोक जोशी और संबंधित क्षेत्र का ज्ञान रखने वाले एक और विशेषज्ञ संदीप ओबेराय होंगे।


- श्री ओबेराय सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े मानकों की स्थापना के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मानक संबंधी अंतरराष्ट्रीय विद्युत-तकनीकी की संयुक्त तकनीकी समिति की उप समिति के अध्यक्ष हैं।


- आईपीएस अधिकारी श्री जोशी और विशेषज्ञ श्री ओबेराय तीन सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञों की समिति के जांच की निगरानी करने में न्यायमूर्ति रविंद्रन की मदद करेंगे।


- विशेषज्ञ समिति में श्री चौधरी राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय-गांधीनगर में साइबर सुरक्षा एवं डिजिटल फॉरेंसिक के प्रोफेसर हैं। उन्हें साइबर सुरक्षा नीति तथा सुरक्षा की दृष्टि से नेटवर्क की दुर्बलता की जांच के क्षेत्र में कार्य करने का 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है।


- श्री प्रबाहरन केरल में अमृतपुरी स्थित अमृता विश्वविद्यापीठम के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं। उन्हें कंप्यूटर मालवेर और संवेदनशील अवरंचना सुविधाओं की सुरक्षा की दृष्टि से कमजोरी और मशीन-लर्निंग के क्षेत्र में काम करने का लम्बा अनुभव है।


- गुमास्ते भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई में कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के प्राचार्य हैं और उन्होंने अमेरिका में 20 पेटेंट अपने नाम दर्ज करा रखा है। उन्हें 2018 सें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र का प्रतिष्ठित शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


- उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ समिति जांच करके यह पता लगाएगी कि क्या भारत में नागरिकों की जासूसी के लिए पेगासस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था?”





रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान