बजट में सुधार से रत्न तथा आभूषण उद्योग को मिलेगी सहायता : जीजेईपीसी

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 02 Feb 2022 , 16:59:15 PM
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नयी दिल्ली।  रत्न एवं आभूषण उद्योग के शीर्ष संगठन जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) ने आम बजट में इस उद्योग को दिये गये सरकारी सहयोग के लिए आभार जताते हुये इसे निर्यात वृद्धि उन्मुख केंद्रीय बजट बताया है।

संगठन ने यहां जारी बजट प्रतिक्रिया में कहा कि भारत में रत्न और आभूषण क्षेत्र बजट 2022-23 में रत्न और आभूषण उद्योग को दिए गए सरकारी समर्थन के लिए आभारी है। ऐसे कई अनुकूल नीतिगत सुधारों की घोषणा की गई है जो उद्योग को और अधिक सशक्त बनाएंगे हैं और आने वाले दशक में विकास के अवसरों को भुनाने के लिए इसे मजबूती प्रदान करेंगे।

भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है और देश डायमंड प्रोसेसिंग में निर्विवाद लीडर है। जीजेईपीसी को उम्मीद है कि वह इस सफलता को ज्वैलरी वर्टिकल में भी दोहराएगा और भारत को दुनिया में ‘ज्वलेरी हब' बनने में मदद करेगा।

जीजेईपीसी ने कट और पॉलिश किए हुए डायमंड, रत्नों और स्वान डायमंड पर सीमा शुल्क को कम करने की सिफारिश पर विचार करने के लिए भी आभार जताया है। बजट में कट और पॉलिश किए गए डायमंड और कलर्ड जेम स्टोन पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि सिम्पली स्वान डायमंड पर शून्य शुल्क लगाया गया है।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा, “भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक है और देश डायमंड प्रोसेसिंग में निर्विवाद लीडर है। कट और पॉलिश किए गए डायमंड पर आयात शुल्क को घटाकर 5% करने से इस क्षेत्र को और अधिक मजबूत करने और अपनी नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने में मदद मिलेगी। चूंकि रत्न और आभूषण क्षेत्र के 90 प्रतिशत से अधिक व्यवसायी एमएसएमई श्रेणी मे शामिल हैं, मार्च 2023 तक एमएसएमई के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का विस्तार इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत होगी, और हमें खुशी है कि इसकी ऑउटले को 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।”

 शाह ने कहा कि सोने के आयात के लिए बैंक गारंटी के स्थान पर व्यक्तिगत ज़मानत बांड की स्वीकृति, विशेष रूप से सोने के आभूषणों के एसएमई निर्यातकों के लिए शुल्क मुक्त सोने की उपलब्धता को सरल बनाने और प्लेनस्वर्ण आभूषणों के निर्यात को पुनर्जीवित करने की उद्योग की लंबे समय से मांग को पूरा करेगी। आपूर्तिकर्ताओं के लिए अप्रत्यक्ष लागत को कम करने के लिए बैंक गारंटी के स्थान पर ज़मानत बांड को स्वीकार्य बनाया जाएगा। इससे सोने के आभूषणों के निर्यात में मदद मिलेगी।

विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) अधिनियम को एक नए कानून से बदल दिया जाएगा जो राज्यों को उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास में भागीदार बनने में सक्षम करेगा। यह सभी बड़े मौजूदा और नए औद्योगिक क्षेत्रों को कवर करेगा ताकि उपलब्ध बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग किया जा सके और निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाया जा सके।

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष विपुल शाह ने कहा कि आम बजट में कुछ बहुत आवश्यक सुधारों की घोषणा की गयी है जो आने वाले वर्ष में इस क्षेत्र को कई गुना विकास के लिए प्रेरित करेंगे, इस प्रकार पिछले कुछ दशकों के मामूली प्रदर्शनों में भी सुधार देखने को मिलेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च पर जोर इंडिया ज्वैलरी पार्क मुंबई (आईजेपीएम) के लिए अच्छी खबर है, जिससे इससे काफी फायदा होगा। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि इन सुधारों से भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता का स्तर एक नए स्तर पर पहुंच जाएगा।”






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