बहुमत का रोडरोलर चलाकर अन्नदाता की आवाज को न कुचले सरकार : अखिलेश

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 13 Dec 2020 , 18:08:49 PM
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा लोकतांत्रिक व्यवस्था में बहुमत का रोडरोलर चलाकर अन्नदाता समुदाय की आवाज को कुचलने का कोई भी प्रयास उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
श्री यादव ने रविवार को जारी बयान में कहा कि किसान अपने हित अनहित को समझकर अगर सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ राय दे रहा है तो उसकी मांगे माने जाने में क्या दिक्कत हो सकती है। देश का किसान आंदोलित है वहीं सरकार उनके मन की बात सुनने के बजाय उन पर अपनी बात थोपने में लगी है।
उन्होने कहा कि अहंकारी भाजपा याद रखे यहां ‘प्रधान‘ शब्द तक ‘कृषि‘ के बाद आता है। सत्ताधारी न भूलें कि हमारे देश में किसान ही प्रथम है और प्राथमिक भी। किसान अपना हक मांग रहे है, वे दृढ़ निश्चयी हैं कि वे इसे लेकर रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और मण्डी समितियों के अस्तित्व को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच मतभेद है। सरकार से किसान तीनों कृषि विधयेक वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कानून की वापसी का यह कोई पहला मामला नहीं है, पहले के भी ऐसे उदाहरण हैं। अतः भाजपा नेतृत्व की इस सम्बंध में हठधर्मी समझ में नहीं आती है। अगर इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया जा रहा है तो यही कहा जा सकता है कि भाजपा का रवैया किसान विरोधी है। उसकी नीयत किसानों की भलाई करने की नहीं, पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की है।
उन्होने कहा कि भाजपा लोगों को बहकाने और छलने में पारंगत है। किसानों को इसीलिए आतंकवादी, नक्सलवादी भी बताया जा रहा है। सच्चाई यह है कि किसान एकजुट हैं, उनका आंदोलन बढ़ता ही जा रहा है। इसमें किसान परिवारों के बूढ़े-बच्चे-महिलाएं तक शामिल हैं जो इस ठण्ड के मौसम में आज 18वें दिन भी आंदोलनरत है। कई किसानों की शहादत भी हो चुकी है। समाजवादी पार्टी किसानों की मांगो का समर्थन करती है। उसकी सहानुभूति किसानों के साथ है।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सात दिसम्बर से किसान यात्राएं चल रही है और 14 दिसम्बर को वह किसानों के समर्थन में धरना भी देगी।





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