बांदा की केन मे फिर गरजने लगी खनन माफिया की पोकलैण्ड मशीनें

देवेन्द्र देव निगम बांदा | पब्लिक एशिया
Updated: 08 Nov 2021 , 21:09:00 PM
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बांदा / दबंग खनन माफियाओं की एक बडी जमात एक बार फिर यहां की नदियों की छाती छलनी करने को उतर पड़ी है । पिछले डेढ़ महीने से केन नदी की कई मोरंग खदानों पर खनन माफियाओं की पोकलैंड और जेसीबी मशीनें गरज रही हैं। ओवरलोडिंग के हाल यह हैं कि मोरंग खदानों मैं ट्रक लेने आए ट्रकों को इतना ओवरलोड कर  दिया जाता है कि वे खदानों से मोरंग लेकर मुख्य मार्गो तक नहीं पहुंच पाते।ऐसे में जबरदस्त तरीके से ओवर लोड भरे गए ट्रकों को जेसीबी मशीनों से ठेल कर मुख्य मार्गो तक पहुंचाया जा रहा है ।नदी से मोरंग निकालने के लिये जेसीबी और पोकलैण्ड मशीनों का खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है।

माफियाओं के मुख्य निशाने पर है केन 
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इस साल यहां की केन नदी खनन माफियाओं के मुख्य निशाने पर   है । अवैध खनन का सर्वाधिक गड़बड़झाला यहां केन नदी की  अछरौड खदान खंड संख्या -1 में किया जा रहा है। इस मौरंग खदान के मुख्य पट्टेदार पडोसी जिले के दबंग आनंद उर्फ बब्बू त्रिपाठी बताए जा रहे हैं। खदान से प्रतिदिन तकरीबन 200 ट्रक मोरंग निकाली जा रही है। इन्होंने खनन के काम मे जिले के एक कथित पत्रकार को भी अपना पार्टनर बना रखा है।  इस पत्रकार का काम खनिज विभाग, पुलिस,परिवहन, और जिला प्रशासन, को खुश करना है ।ताकि मोरंग खदान में किए जा रहे वैध और अवैध परिवहन पर कोई कार्यवाही ना हो सके ।

खदान से ही कराई जा रहीओवर लोडिंग
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 अछरौंड खदान मे  मोरंग की ओवरलोडिंग खदान से ही कराई जा रही है। इसके लिये खदान संचालकों ने खदान से सीसीटीवी कैमरा, धर्मकांटा,आदि सब हटवा दिये हैं। हालात यह हैं कि जेसीबी मशीनों से मोरंग भरे ओवरलोड ट्रकों को  पीछे से ठेलकर खदानों से सड़कों तक पहुंचाया जा रहा है । दूसरी तरफ जिला प्रशासन और खनिज विभाग कहता है कि यदि ट्रकों मे ओवरलोडिंग पाई गयी तो सम्बंधित खदान के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। 
ऐसे ही हाल केन नदी के मरौली मोरंग खदानों के हैं।मरौली की मोरंग खदान खंड संख्या 2, खंडसंख्या 3 ,खंड संख्या 4 ,खंड संख्या 5 ,और खपटिहा खदान खंड संख्या 100/3 मे वैध और अवैध खनन धडल्ले से जारी है। मरौली की कई खदानों के पट्टे कात्यायनी ग्रुप के लोगों के बताये गये हैं। किन्तु संचालन यहां के स्थानीय दबंग लोग कर रहे हैं। मरौली खंड-3 का जिम्मा हमीरपुर के जावेद मियां और बांदा के संजय सिंह को दिया गया है। जावेद ने यहां के बबलू इरफान आदि कथित पत्रकारों को शामिल करके पिछले डेढ महीने से खुलेआम जेसीबी मशीनों से नदी का सीना चाक करना शुरु कर दिया है। तकरीबन 250 ट्रक मोरंग इस खदान से हर रोज निकाली जा रही है।  इसी तरह मरौली खंड 4 के खदान संचालक राहुल सक्सेना नदी मे करीब 8 जेसीबी मशीने उतारकर प्रतिदिन 200 मोरंग भरे ओवरलोड ट्रक पार करा रहे हैं। ऐसा ही हाल अमलोर खदान खंड-7 का है। इस खदान के खदान संचालक विपुल त्यागी और उनके गुण्डो की फौज  गांव वालो के लिये आफत का परकाला बन गये हैं। 

पट्टा कहीं का! खनन कहीं और 
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पट्टा कहीं का है ! खनन कहीं और स्थान पर किया जा रहा है । कोई देखने सुनने वाला नहीं है, दो वाले एक मे घुसे पड रहे हैं, तो तीन वाले छह मे घुसे जा रहे है।अछरौंड खदान वाले इस काम मे सबसे आगे हैं। पट्टा खंड -1 का है! खनन खंड-2 और 3 तक किया जा रहा है।ओवरलोड ट्रकों की धमाचौकड़ी से यहां के गांव और शहरों की सड़कें ध्वस्त होती जा रही हैं ।किंतु अवैध खनन और दिन रात निकल रहे ओवरलोड ट्रक यहां के खनिज विभाग और जिला प्रशासन को नजर नहीं आ रहे हैं।

 ओवरलोडिंग पर हो रही है कार्यवाही 
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बांदा के जिला खनिज अधिकारी सौरभ गुप्ता का कहना है ओवरलोडिंग के खिलाफ हम लगातार कार्यवाही कर रहे हैं।ओवरलोडिंग रोकने के लिये एक टीम बनाई गयी है। जिसमे एसडीएम, परिवहन, पुलिस, और खनिज विभाग के अधिकारी शामिल हैं। पिछले दिनों छापा मारकर कई ओवरलोड ट्रक पकड़े थे और लाखों का राजस्व वसूला था ।आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी।

 




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