बातचीत से ही किसानों की समस्याओं का समाधान संभव: नायडू

पब्लिक एशिया ब्यूरो | विशेष संवाददाता
Updated: 23 Dec 2020 , 19:43:46 PM
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नयी दिल्ली/उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि किसानों के सभी मुद्दों का हल बातचीत के जरिये ही निकल सकता है।

श्री नायडू ने हैदराबाद में अपने निवास पर किसान दिवस पर प्रगतिशील किसानों के एक दल से मुलाकात करते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही बता दिया है कि वह किसान संगठनों के साथ संवाद के लिए सदैव तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत से सभी समस्याओं का समाधान निकल सकता है इसलिए किसानों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और खाद्य सुरक्षा कृषि पर निर्भर हैं, अतः ज़रूरी है कि कृषि को संरक्षित किया जाए और उसे लाभकारी बनाया जाये। किसानों की आमदनी दुगुनी करने के लिए सरकार के कदमों की चर्चा करते हुए श्री नायडू ने कृषि की उत्पादकता बढ़ाने और उसे मौसम परिवर्तन के अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने फसल विविधीकरण और जैविक खेती को बढ़ाने पर भी जोर दिया।

इस संदर्भ में उन्होंने प्रशीतन गृह श्रंखला, भंडारण, कृषि माल ढुलाई तथा कृषि विपणन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ‘ई-नाम’ प्लेटफॉर्म से कृषि उत्पादों के लिए वृहत्तर बाज़ार उपलब्ध हो सकेगा। एक अध्ययन को उद्धृत करते हुए उपराष्ट्रपति ने किसानों को पूरक आमदनी के साधन खोजने का आग्रह किया। अध्ययन के अनुसार जिन इलाकों में किसानों ने अपने घर के पास ही मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया है वहां किसानों की आत्महत्या किए जाने की घटनाएं नहीं हुई हैं।महामारी के दौरान भी खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन करने के लिए श्री नायडू ने किसानों का अभिनन्दन किया।

किसानों ने भी उपराष्ट्रपति के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि शुरुआती झिझक के बाद जैविक खेती अपनाने के बाद उनका लाभ भी बढ़ा है, उन्होंने कृषि में विविधीकरण भी किया है। अब ये किसान कृषि की पारंपरिक पद्धति अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक खेती को तकनीक के साथ मिलाने के बाद, कम लागत पर अधिक पैदावार से उनके लाभ में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने बाज़ार की उपलब्धता को सबसे जरूरी बताया।
भेंट करने वाले किसानों में नगर कुरनूल के श्री बायरापक्ष राजू 500 प्रकार के बीज उगाते हैं तथा सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य किसानों को भी सलाह देते हैं।
क्षेत्र के ही किसान दम्पत्ती श्रीमती लावण्या रेड्डी तथा श्री रमन रेड्डी जैविक विधि से धान और दलहन की खेती करते हैं और स्वयं ही उसे बेचते भी है। रंगारेड्डी जिले के श्री सुखवासी हरीबाबू फल, सब्जी और औषधीय पौधे उगाते हैं।
इस भेंट के अवसर पर पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित तथा रायथू नेष्ठाम के संपादक येदलापति वेंकटेश्वर राव भी उपस्थित रहे।
इससे पहले किसान दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी किसानों का अभिनंदन किया और शुभकामनाएं दीं।




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