बाबरी मस्जिद साजिश नहीं पुख्ता साक्ष्य ना मिलने पर आरोपित हुए रिहा

पूजा कुमारी | रिपोर्टर
Updated: 01 Oct 2020 , 11:54:22 AM
  • Share With



दिसंबर 1992 में अयोध्या में जो ढांचा ध्वंस मामले में कई आरोपियों को आरोपी घोषित किया था उन 32 आरोपियों को बरी कर दिया गया आरोपियों की लिस्ट से आरोपी किसी कारणवश नहीं आ पाए जिन्होंने अपना हाजिर माफी का प्रार्थना पत्र कोर्ट के सामने पेश किया और कोर्ट ने महज 3 मिनट में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपियों को बरी कर दिया कोर्ट का कहना है कि सीबीआई ऐसे कोई सबूत पेश नहीं कर पाई है जिनसे आरोपितों को आरोपी घोषित किया जाए लिहाजा कोर्ट ने 32 आरोपियों को बरी कर दिया और कोर्ट का साथ ही यह भी कहना है कि ध्वंस के पीछे किसी की कोई साजिश नहीं रची गई है यह केवल लोगों में आक्रोश होने के कारण हुआ मुख्य आरोपितों में एक दिवंगत अशोक सिंहल को कोर्ट ने क्लीन चिट देते हुए कहा कि वह खुद कारसेवकों को ध्वंस से रोक रहे थे क्योंकि वहां पर भगवान की मूर्तियां रखी हुई थी सभी आरोपितों को बरी करने का मुख्य कारण साक्ष्यों को माना गया है ऐसे कोई साक्ष्य और के सामने पेश नहीं किया जाए जिससे कि इन सभी आरोपियों पर कोई कार्यवाही की जाए 28 साल बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस के फैसले में 32 आरोपियों में से 17 की मौत हो चुकी है बाबरी मस्जिद विध्वंस में कुल 49 आरोपित थे जिनमें से 17 की मौत हो चुकी है जिनका नाम है अशोक सिंघल, बालासाहेब ठाकरे, विजयाराजे सिंधिया, महंत अवैद्यनाथ, परमहंश दास चंद्र दास, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, मोरेश्वर सावे, विनोद कुमार वत्स, राम नारायण दास, देवीदास हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, रमेश प्रताप सिंह, बैकुंठ लाल शर्मा, महामंडलेश्वर, जगदीश मुनि, महाराज एवं डॉ सतीश नागर।





रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान