भविष्य की लड़ाईयों के लिए वायु सेना को बढानी होगी क्षमता: राजनाथ

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 10 Nov 2021 , 20:51:25 PM
  • Share With



नयी दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भविष्य की लड़ाईयों में वायु सेना की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि उसे अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बल पर अपनी क्षमता को और अधिक बढाने की जरूरत है।

 सिंह ने बुधवार को यहां वायु सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उच्च स्तर की तैयारियों , तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने की क्षमता तथा अभियानों के दौरान एवं शांतिकाल में अव्वल दर्जे के पेशेवर रूख के साथ काम करने के लिए वायु सेना की सराहना की। रक्षा मंत्री ने सीमाओं पर विस्फोटक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि सशस्त्र सेनाओं को ‘शार्ट नोटिस’ पर आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भविष्य की लड़ाईयों में वायु सेना की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली है और इसे देखते हुए वायु सेना को कृत्रिम बौद्धिकता , बिग डाटा हैंडलिंग और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बल पर अपनी क्षमता तथा ताकत को बढाने की जरूरत है।


 सिंह ने कहा कि सरकार की मेक इन इंडिया योजना के तहत स्वदेशीकरण को बढावा देने के प्रयासों का परिणाम दिखाई देने लगा है और हल्के लड़ाकू विमान मार्क 1 ए और सी-295 के आर्डर मिलने से एयरोस्पेस सेक्टर में भी स्वदेशीकरण को बढावा मिलेगा। तीनों सेनाओं के एकीकरण पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि यह जरूरी है लेकिन इसे लागू करते समय सभी विकल्पों पर विचार किये जाने तथा सभी पक्षधारकों के विचारों पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। रक्षा मंत्री नेे कमांडरों से कहा कि वे सम्मेलन के थीम ‘ अनिश्चितता में निश्चितता सुनिश्चित करना’ पर गहन विचार मंथन करें और व्यवाहारिक समाधान निकालें।


वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने दुश्मन की ओर से किसी भी दुस्साहस का तुरंत और करारा जवाब देने के लिए कमांडरों से मल्टी डोमेन में लड़ाई की अधिक क्षमता हासिल करने की जरूरत पर बल दिया। भविष्य की लड़ाईयों के लिए तालमेल पर बल देते हुए उन्होंने तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। वायु सेना प्रमुख ने कोरोना महामारी की चुनौती के बावजूद जबरदस्त तैयारियों के लिए कमांडरों की सराहना की।


शीर्ष कमांडरों का तीन दिन का सम्मेलन शुक्रवार तक चलेगा और इस दौरान बदलती चुनौतियों के तहत वायु सेना को तैयार करने तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। यह सम्मेलन वर्ष में दो बार होता है और यह इसका दूसरा संस्करण है।


इस मौके पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और रक्षा सचिव उत्पादन राजकुमार भी मौजूद थे।





रिलेटेड न्यूज़

टेक ज्ञान