नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वह ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन की चुनौती का व्यापक समाधान करने पर जोर देंगे, जिसमें कार्बन के लिए न्यायोचित स्थान भी हो।
उन्होंने कहा कि ऐसे समाधान में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने, परिवर्तन के अनुसार अनुकूलन के अलावा स्वच्छ और समावेशी आर्थिक विकास के लिए वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और स्वस्थ जीवन शैली पर भी उपयुक्त ध्यान आवश्यक है।
मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते (यूएनएफसीसीसी) में भाग के लिए रोम (इटली) और ग्लासगो (ब्रिटेन) की पांच दिन की यात्रा पर आज रात प्रस्थान करने से पहले एक बयान में कहा कि ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते के संबंध पक्षों के शिखर सम्मेलन सीओपी26 के दौरान उन्हें संबंद्ध पक्षों, सदस्य देशों, नवप्रवर्तकों और अंतरराष्ट्रीय सरकारी संगठनों के साथ बातचीत करने और स्वस्थ विकास की गति को तेज करने की संभावनाओं पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा।
मोदी ने कहा कि भारत में प्रकृति के साथ तारतम्य बिठाकर जीने की परंपरा रही है और हम प्रकृति और धरती का सम्मान करते हैं। हम स्वस्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली की बचत, वनीकरण और जैव विविद्धता के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी पहल कर रहे हैं। भारत जलवायु परिवर्तन के साथ अनुकूलन प्रभावों को सीमित करने और उनका सामना करने की दिशा में सामूहिक प्रयासों में नए रिकॉर्ड बना रहा है और बहुपक्षीय गठबंधन कर रहा है। नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की स्थापना करने के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में है।
मोदी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मारियो द्राघी के निमंत्रण पर 29 से 31 अक्टूबर तक रोम (इटली) और वेटिकन सिटी की यात्रा पर रहूंगा। उसके बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर एक और दो नवंबर को ब्रिटेन में ग्लासगो की यात्रा करूंगा।”
प्रधानमंत्री मोदी रोम में जी-20 नेताओं के 16वें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वक्तव्य के मुताबिक वहां कोविड महामारी से दुनिया के उद्धार के अलावा स्वस्थ विकास और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 का सम्मेलन हमें दुनिया के हालात का जायजा लेने का अवसर प्रदान करेगा और हम इस बात पर विचार करेंगे कि जी-20 किस तरह दुनिया के महामारी से उबारकर पुन: खड़ा करने और मजबूत करने में अग्रणीय भूमिका निभा सकता है।
वेटिकन की यात्रा में प्रधानमंत्री पोप फ्रांसिस और वहां के विदेश मंत्री कार्डिनल पेएत्रो पैरोलीन से मिलेंगे। मोदी ने कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी भागीदार देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें भारत के साथ उनके द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी।