महंत नरेन्द्र गिरि मौत मामला: सीबीआई को अभी तक नही मिला केस में कोई अहम सुराग,जांच जारी

संवाद सहयोगी | पब्लिक एशिया
Updated: 28 Sep 2021 , 20:35:45 PM
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प्रयागराज:साधु संतो की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेन्द्र गिरि मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई को अभी इस केस में कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है।सीबीआई इस केस के हर पहलू पर जांच कर रही है।महंत मौत मामले में तीनों नामजद अभियुक्त आज से सात दिनो तक सीबीआई की कस्टडी रिमांड पर रहेंगें।

सीबीआई की टीम लगातार अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है।सूत्रों के मुताबिक पता चला है की सीबीआई इस केस को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के जरिए भी जांच पड़ताल कर रही है।साइकोलॉजिस्ट डॉ ईशान्या राज के मुताबिक साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के जरिए सुसाइड केस में ये जानने की कोशिश होती है कि मृतक का व्यवहार लोगों के साथ कैसा था,उनके दिमाग में क्या चल रहा था। साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी अमूमन हाईप्रोफाइल सुसाइड के केस में की जाती है।ये भी पता किया जाता है कि जिसकी मृत्यु हुई है उसका साइकोलॉजिकल मेकअप क्या था। उसके सोचने का तरीका,उसने मरने के कुछ दिनों पहले क्या किया था।उसका बेहिवियर कैसा था। यह सब कुछ जानने की कोशिश की जाती है।इसके लिए उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों से भी जानकारी एकत्रित की जाती है,साथ ही मृतक के बिसरे को भी जांच में शामिल किया जाता है।महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में भी सूत्रों से पता चला है की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में सीबीआई की फोरेंसिक टीम बिसरे के जरिए नरेन्द्र गिरि के दिमाग का अध्ययन कर रही है।सीबीआई की फोरेंसिक टीम नरेन्द्र गिरि के लिखे नोट्स,व्हाट्सएप मैसेज आदि के साथ ही मठ में रहने वाले उनके सेवादारों और करीबियों से व्यवहार के बारे में पता कर रही है।

सीबीआई उनके साथ रहने वाले सेवादारों,साधु संतो और कर्मचारियों से उनकी मनोदशा और व्यवहार के बारे में भी जानकारी हासिल कर रही है,जिसमे कस्टडी रिमांड पर लिए गए अभियुक्त आनंद गिरी लंबे समय तक महंत नरेंद्र गिरी के साथ रहा है, इसके अलावा मौत के दिन मठ से ही गिरफ्तार हुए आद्या तिवारी और संदीप तिवारी भी महंत नरेंद्र गिरी बेहद करीबी थे।इन तीनों अभियुक्तों से सीबीआई की टीम महंत नरेंद्र गिरी के पिछले दो हफ्तों की मनोदशा के बारे में जानकारी जुटा रही है।




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