नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के बाद हुयीं हिंसा पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मंगवार को एक टीम का गठन करने तथा सच्चाई का पता लगाने के लिए राज्य में भेजने का आदेश दिया।
आयोग ने अपने आदेश में कहा, “कथित तौर पर निर्दोष नागरिकों के जीवन के अधिकार का हनन करने के मामले पर आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और अपने उप महानिरीक्षक (जांच) से आयोग के जांच विभाग डिवीजन के अधिकारियों की एक टीम गठित करने, मौके पर तथ्य की जांच करने और जल्द से जल्द या दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है।”
आयोह ने अपने आदेश में कहा है कि राजनीतिक कार्यकर्ता कथित तौर पर एक-दूसरे के साथ भिड़ गए, पार्टी कार्यालयों को आग लगा दी गई, कुछ घरों में तोड़फोड़ की गई और कीमती सामान भी लूट लिये गये। आयोग ने कहा, "जिला प्रशासन तथा कानून-व्यवस्था लागू करने वाली स्थानीय एजेंसियों ने प्रभावित व्यक्तियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए कार्य नहीं किया है।"
आयोह ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा कि पश्चिम बंगाल में कथित तौर पर 03 मई, 2021 को हुई चुनावों के बाद हिंसा में कुछ व्यक्तियों की मृत्यु के बारे में 04 मई, 2021 को विभिन्न प्रमुख अखबारों में खबरें प्रकाशित हुयी हैं।