मालेगांव विस्फोट:इस शरारत के लिए जनता से माफी मांगें कांग्रेस:सीएम योगी

संवाद सहयोगी, | पब्लिक एशिया
Updated: 29 Dec 2021 , 17:56:10 PM
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लखनऊ,। मालेगांव विस्फोट कांड के एक गवाह ने विशेष एनआइए अदालत को बताया है कि महाराष्ट्र एटीएस ने उस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार नेताओं को फंसाने का दबाव डाला था। गवाह के इस दावे के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ कांग्रेस पर हमलावर हैं। उन्होंने इसे देश देश के खिलाफ अपराध करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस शरारत के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को फर्रुखाबाद और अमरोहा में जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उनके निशाने पर कांग्रेस पार्टी रही। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश के अंदर बड़े काल तक शासन किया, लेकिन शासन किस रूप में कर रही थी यह किसी से छिपा नहीं है। महाराष्ट्र के एटीएस का बयान देखा होगा। उस समय कैसे भाजपा कार्यकर्ताओं को, नेताओं को, आरएसएस और हिंदू नेताओं को ये लोग झूठे मुकदमे में फंसा रहे थे। आपने मालेगांव विस्फोट मामले में यह देखा होगा। कांग्रेस की यह शरारत देश के खिलाफ एक अपराध है और कांग्रेस के लोगों को इसके लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा आतंकवादियों को प्रेरित और पोषित करने वाली कांग्रेस देश के साथ कैसे खिलवाड़ कर रही है यह किसी से छिपा नहीं हैं। पहले जब ये सत्ता में थे, तब आतंकियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करते थे और हिंदू संगठनों को झूठे मुकदमे दर्ज करते थे। आज जब सत्ता के बाहर हैं तो हर उस कार्य का विरोध करते हैं, जो कार्य जनता के हित के लिए हो।


विस्फोट कांड के गवाह ने एनआइए अदालत में एटीएस पर लगाया आरोप


मालेगांव विस्फोट कांड के एक गवाह ने विशेष एनआइए अदालत को बताया है कि महाराष्ट्र एटीएस ने उस पर योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार नेताओं को फंसाने का दबाव डाला था। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह उस समय एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त के पद पर तैनात थे। बता दें कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव में एक मोटरसाइकिल में हुए विस्फोट में छह लोग मारे गए थे तथा 100 से अधिक घायल हुए थे। इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस को सौंपी गई थी। एटीएस ने इस मामले में भोपाल की वर्तमान सांसद साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित, समीर कुलकर्णी, अजय राहिलकर, रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी एवं सुधाकर चतुर्वेदी को आरोपित बनाया था। इन सभी पर हत्या, हत्या के प्रयास सहित आतंकवाद की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच एनआइए के हाथ में आने के बाद अब तक उनमें से 15 गवाह अपने बयानों से मुकर चुके हैं। आरोपित साध्वी प्रज्ञा भी कई बार कह चुकी हैं कि एटीएस की हिरासत में उन पर असहनीय जुल्म किए गए। 









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