मुरादाबाद में नरक झेल रही हजारों की आबादी

मोहम्मद वाजिद | पब्लिक एशिया
Updated: 29 Mar 2024 , 17:34:03 PM
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मुरादाबाद। मुरादाबाद में हजारों की आबादी जिंदा नरक झेलने को मजबूर है। लाइन पार के सूर्यनगर इलाके की गलियों में सड़कों पर बिना बारिश के दो फीट तक पानी जमा है। सीवर की गंदगी भी इसी में खुल रही है। इन गलियों में रहने वाले हजारों लोगों को इसी गंदगी से होकर आना जाना पड़ता है। यहां तक की स्कूली बच्चे भी हर रोज इसी नरक को पार करके स्कूल आने जाने को मजबूर है। लोकसभा चुनाव में नेता इस एरिया के लोगों के निशाने पर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पार्षद हो या मेयर विधायक वोट मांगने तो सभी आते हैं। लेकिन जीतने के बाद यहां झांक कर भी नहीं देखाते स्थिति यह है कि ये गलियां दो वार्ड के बीच में उलझ कर रह गई है। वार्ड 53 के पार्षद का कहना है कि यह गली वार्ड 30 में आती है। और वार्ड 30 के पार्षद का टाक सा जवाब है कि गली उसके वार्ड में नहीं बल्कि वार्ड 53 में आती है। इसलिए इस समस्या से लोगों को छुटकारा दिलाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।

गंदगी से इलाके में मच्छरों की भरमार आधे लोग बीमार

मामला मुरादाबाद के मझोला थाना क्षेत्र के लाइन पार सूर्यनगर का है‌। यहां रहने वाले संजय शर्मा ने बताया कि यहां गलियों में पानी भरने की वजह से बीमारी फैल रही है। नालियां और सड़के नहीं बनने की वजह से गलियों में पानी भरा है। बच्चों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत हो रही है। सीवर की गंदगी भी इसी पानी में खुल रही है। कोई और विकल्प नहीं है तो मजबूरी में लोग इसी गंदगी से गुजरने को मजबूर है। पार्षद के पास जाओ तो एक दूसरे पर टाल देते हैं। अब वोट तभी देंगे जब हमारी समस्या हल होगी नहीं तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

कीचड़ में गिर जाते हैं। स्कूली बच्चे

वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि सुबह को जब बच्चे स्कूल जाते हैं। तो कीचड़ में अक्सर गिर जाते हैं। इसी गली में कुछ घर वार्ड 53 में आते हैं। और कुछ घर वार्ड नंबर 30 में आते हैं। इस समस्या को लेकर हम लोग वार्ड नंबर 53 के पार्षद विनोद शर्मा के पास जाते हैं। तो वह वार्ड नंबर 30 की पार्षद मनोरमा सैनी के पास यह कहकर भेज देते हैं। कि यह गली हमारे वार्ड में नहीं आती है। उधर मनोरमा सैनी के पास जाते हैं। तो वह भी यह कहकर काम करने से मना कर देती है। कि यह गली हमारे वार्ड में नहीं आती है। वीरेंद्र बोल पार्षदों ने इस गली को लावारिस बनाकर छोड़ दिया है।

तीन साल से झेल रहे हैं। गंदगी, सुनते ही नहीं नेता

स्थानीय निवासी सुरेश कुमार का कहना है कि पिछले तीन साल से गंदगी से जूझ रहे हैं। आगे गर्मी का मौसम आ रहा है। मच्छर पैदा हो रहे हैं। बीमारियां फैलेंगे हमारे मेयर विधायक पार्षद कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। वोट मांगने के लिए आ जाते हैं। लेकिन काम के लिए जाओ तो एक दूसरे के ऊपर टाल देते हैं। यह हमारे क्षेत्र की समस्या है। हम सभी शासन से निवेदन करते हैं, की समस्या को जल्द से जल्द सुने और इसका समाधान कराएं।

फल सब्जी वाले तक नहीं आते। महिलाएं परेशान

स्थानीय निवासी शिखा सैनी ने बताया कि रास्ते में पानी भरने की वजह से कोई ना कोई दुर्घटना होती रहती है। कोई भी फल सब्जी वाला भी इन गलियों में नहीं आता है। किसी भी पार्षद या नेता को इस अपनी समस्या बताएं तो सब यही बोलकर पीछे हट जाते हैं, कि इससे हमारा कोई मतलब नहीं है। चुनाव में तो वोट लेने आ जाते हैं। लेकिन फिर कहते हैं कि हमें कोई मतलब नहीं है। आगे से हम तभी वोट देंगे जब हमारी समस्या का पूरा समाधान होगा।


मंदिर भी गंदगी से होकर जाते हैं

रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि पूरी तरह से नाली बंद हो चुकी हैं। मंदिर जाते हैं,तो गली में पानी भरा होने की वजह से दिक्कत होती है। इसी गंदगी से होकर जाना पड़ता है। मंदिर पहुंचने से पहले ही कपड़े गंदगी से खराब हो जाते हैं। क्रांति देवी ने बताया कि पानी भरने के कारण कोई ऑटो वाला भी नहीं आता है। पैदल ही पानी से गुजर कर मार्केट को जाना पड़ता है। वही चिंटू शर्मा ने बताया कि यहां पर जितनी भी नालियां है। उनका अभी तक निर्माण नहीं हुआ है। अधिकांश नालिया लोगों ने बंद कर रखी है। जिसकी वजह से गलियों का पानी नहीं निकल पाता है । वार्ड नंबर 53 के पार्षद शिव प्रसाद शर्मा उर्फ विनोद शर्मा से इसके बारे में बात की तो उनकी पत्नी व पूर्व पार्षद भावना शर्मा ने बताया कि यह लोग जिस गली की समस्या लेकर मेरे पास आए थे। वह गली हमारे वार्ड में नहीं आती है। वह गली वार्ड 30 की पार्षद मनोरमा सैनी के वार्ड में आती है। जब मनोरमा सैनी से बात करनी चाहिए तो उनके ससुर पुर्व पार्षद हेमराज सैनी ने बताया कि इन लोगों की गली हमारे वार्ड में आती है। प्रशासन से उस गली के निर्माण को लेकर मंजूरी मिल चुकी है। टेंडर भी पास कर दिया गया है। आचार संहिता हटने के बाद से ही उसमें काम शुरू कर दिया जाएगा।




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