मोदी ने छत्तीसगढ़ के मिलेट मिशन की तारीफ की, रायपुर में मिलेट कैफे खोलने की दी सलाह

public asia | पब्लिक एशिया ब्यूरो
Updated: 01 Jan 2023 , 15:48:31 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मिलेट (बाजरा) मिशन की प्रशंसा की और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रदेश की राजधानी रायपुर में मिलेट कैफे की शुरुआत करने की सलाह दी है।
बघेल ने शनिवार को अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में हो रही प्रगति से अवगत कराया।

बघेल ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में मिलेट का प्रचुर उत्पादन होता है तथा देश के पहले मिलेट बैंक की शुरुआत राज्य में की गई है , जहां 22 प्रकार के मिलेट का उत्पादन होता है। प्रधानमंत्री ने मिलेट मिशन की सराहना करते हुए रायपुर में मिलेट कैफे शुरू करने की सलाह दी।
बातचीत के दौरान बघेल ने केंद्र के पास लंबित छत्तीसगढ़ की राजस्व राशियों के बारे में बताया और शीघ्र अदायगी का आग्रह किया। उन्होंने राज्य में विभिन्न नागरिक सुविधाओं में सुधार के लिए केन्द्र से सहायता का भी अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद अन्य उत्पादक राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ को भी वाणिज्यिक कर राजस्व में कमी का सामना करना पड़ रहा है। जी.एस.टी. लागू होने की तिथि से गत 30 जून- 2022 तक छत्तीसगढ़ राज्य को देय जी.एस.टी. क्षतिपूर्ति राशि में से 1375 करोड़ रुपए राज्य को प्राप्त होना शेष है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 2014 में निरस्त कोल ब्लाकों से अतिरिक्त लेवी की वसूली केन्द्र शासन द्वारा प्राप्त की गयी है। छत्तीसगढ़ राज्य के कोल ब्लाकों से इस मद से की गयी वसूली की राशि लगभग 4170 करोड़ रुपए राज्य को अंतरित करने के लिए केन्द्र शासन से अनेक बार अनुरोध किया गया है, किन्तु राशि अप्राप्त है। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह राशि शीघ्र राज्य को अंतरित किये जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में संचालित स्पंज आयरन और स्टील उद्योगों के ईंधन आवश्यकता के लिए साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एसईसीएल) से कोयले की आपूर्ति में विगत छह माह में लगातार समस्या आ रही है। इस कारण से राज्य के उद्योगों के संचालन में लगातार कठिनाई बनी हुई है। उन्होंने राज्य के उद्योगों को कोयला प्रदाय के लिए एसईसीएल को राज्य नोडल एजेंसी से शीघ्र अनुबंध तथा कोयला आवंटन करने के निर्देश देने की मांग की।

छत्तीसगढ़ में ट्रेनों के संचालन की विसंगतियों की प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए श्री बघेल ने कहा कि हावड़ा-मुम्बई ट्रेन रूट प्रदेश की जीवन रेखा की तरह है, लेकिन इस वर्ष रेलवे द्वारा समय-समय पर बहुत अधिक संख्या में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद किया जाता रहा है। इस प्रकार के ट्रेनों का परिचालन बंद करने के पूर्व कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की जाती हैं। ट्रेनों का परिचालन बंद करने के कारण मध्यम एवं निम्न वर्ग के लोगों को बहुत ज्यादा असुविधा का सामना करना पड़ता है तथा रोजगार व्यवसाय के लिए उन्हें असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए भविष्य में प्रदेश में पर्याप्त और समुचित वैकल्पिक व्यवस्था के बिना ट्रेनों को निरस्त नहीं करने के संबंध में सभी संबंधितों को आदेश दिए जाएं।





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